हो रही दिग्गज नेता की किरकिरी…नंदकुमार साय के साथ कांग्रेस में नहीं जाना चाहते समर्थक.. केवल एक नेता ने पकड़ा दामन.. बाकी अधिकांश खासमखास, भाजपा नहीं छोड़ रहे
(शशि कोन्हेर) : जशपुर : अभी हाल ही में भाजपा का वर्षों पुराना साथ छोड़कर कांग्रेस में गए आदिवासी नेता नंदकुमार साय को लेकर यह चर्चा जमकर होने लगी है कि भाजपा की कोई कार्यकर्ता और नेता आखिर उनके साथ भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल क्यों नहीं हो रहे हैं। दरअसल श्री साय के कांग्रेस में जाने के इनके समर्थको में भारी दुविधा की स्थिति निर्मित हो गई है।उन्हें यह समझ आ रहा कि वे करें तो क्या करें ।
भाजपा में उपेक्षा होने का नंद कुमार साय का आरोप भी खुद उनके समर्थकों को नहीं पच रहा है। वे सोच में पड़ गए हैं कि भाजपा में रहें या साय का दामन पकडकर वे भी काँग्रेस का हाथ थाम ले ।
यही वजह है कि साय के भाजपा छोड़ने के बाद साय ने भले ही कांग्रेस का दामन थाम लिया लेकिन साय का कोई भी समर्थक(सिवाय 1 के)भाजपा छोड़ने तक की अभी तक कांग्रेस में जाने की बात तो दूर इस बारे में सोच भी नहीं पाया है। इनके साथ वर्षो से रहने वाले और साथ मे काम करने वाले कई नेता है लेकिन अभी तक किसी ने यह नहीं कहां कि वह भी भाजपा छोड़ने को तैयार है बल्कि सब के सब चुप हो गए है।
जैसे इस मामले में आम तौर पर लोग कुछ बोलना ही नहीं चाहते । नंदकुमार साय के काफी करीबी कहे जाने कुनकुरी के दीपक मिश्रा ने उसी दिन भाजपा से इस्तीफा दे दिया था जिस दिन साय के इस्तीफे की खबर सोशल मीडिया में आई लेकिन इसके बाद किसी और समर्थक ने ऐसा हौसला नहीं दिखाया ।
कुछ समर्थको से बात हुई तो उन्होंने बताया कि वैचारिक तौर पर और अंतर्मन से वह नंदकुमार साय के साथ है। पर, यह बात अलग है कि वह खुलकर सामने नहीं आ सकते। और समर्थको की आंतरिक दिक्कत यह है कि अंदर से उनमें भगवा भाव कुछ इस कदर भरा हुआ है कि उनकी खुद की अंतरात्मा दूसरे दल में जाने की गवाही नहीं दे रही है। वही नंदकुमार साय समर्थक माने जाने के कारण भाजपा के दूसरे लोग उन्हें शक की दृष्टि से देख रहे हैं।