VIDEO : 9 मार्च की रात होली के नशे में चूर होकर जिला अस्पताल के डॉक्टर से मारपीट करने वाले वो दोनों कौन थे..? और इस मारपीट के शिकार हुए डॉक्टर की शिकायत के बाद भी क्यों नपुंसक बना हुआ है अस्पताल प्रबंधन..? कार्रवाई की बजाय हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी है पुलिस..?
(शशि कोन्हेर के साथ जयेंद्र गोले) :बिलासपुर। पुलिस वालों की होली के दिन 9 मार्च की रात को जिला अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ बुरी तरह मारपीट करने वाले दो असामाजिक तत्व अभी भी छुट्टे घूम रहे हैं। इन्होंने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से पहले तो बदतमीजी की और उसके बाद खींचकर उनके साथ जबरन मारपीट की। डॉक्टर की गलती केवल इतनी थी कि वह रात में पूरी इमानदारी से जिला अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात था। इतने में उसने अस्पताल में 2 लोगों को होली के नशे में चूर होकर, विचित्र स्थिति में इधर-उधर घूमते-घुसते तथा अशांति फैलाते देखा। उनकी आपत्तिजनक हरकतें देख उस समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर प्रतीक प्रवीण चौहान ने उनसे पूछा…कौन हो तुम लोग..? उसके इतना पूछते ही होली के नशे में चूर उन दोनों युवकों ने डॉक्टर को खींचा उसके साथ बुरी तरह मारपीट कर दी।
(देखिए सीसीटीवी फुटेज) इसकी शिकायत पीड़ित डॉक्टर ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से की। शर्मनाक बात यह है कि इस घटना को 8 दिन बीतने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने ना तो आरोपियों के खिलाफ थाने में रस्म अदायगी के समान एक रिपोर्ट दर्ज करा कर माउंट बैठ गया है। वहीं पुलिस से शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन अथवा पुलिस अधीक्षक शायद यह बात नहीं पहुंच पाई है। ऐसा लगता है कि सिम्स प्रबंधन ने पीड़ित डॉक्टर की शिकायत को (जो लिखित में दी गई थी) बड़े अधिकारियों ने अपनी कुर्सी के गद्दे के नीचे या डस्टबिन में फेंक दिया है। सोचा जा सकता है कि अगर यही मारपीट जिला अस्पताल के बड़े अधिकारियों के साथ हुई होती, तब भी क्या मारपीट करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर ऐसा ही सन्नाटा पसरा रहता..? यदि अस्पताल प्रबंधन होली जैसे त्यौहार के दिन भी रात के समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं कर सकता तो उसे चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। और ऐसे नाकारा अस्पताल प्रबंधक से यह उम्मीद करना भी बेकार है कि वह जिला अस्पताल के भीतर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के साथ मारपीट करने वालों की गिरफ्तारी के लिए थोड़ी भी मर्दानगी दिखाएगा।