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विजय माल्या ने टीपू सुल्तान की तलवार 143 करोड़ में बेच दी? लेकिन कैसे फंसा पेच

(शशि कोन्हेर) : विजय माल्या एक बार फिर चर्चा में हैं और उनके चर्चा में आने की वजह बनी है टीपू सुल्तान की तलवार। असल में साल 2003 में विजय माल्या ने नीलामी में टीपू सुल्तान की तलवार खरीदी थी। इस तलवार को बेयर्ड फैमिली ने नीलाम किया था, जिनके पास यह 204 साल से रखी हुई थी। फिलहाल, एक अन्य नीलामी हाउस ने इस तलवार को नीलाम करने का दावा किया है। बताया जा रहा है कि इस तलवार की कीमत 143 करोड़ रुपए लगाई गई है। अब सवाल उठता है कि क्या टीपू सुल्तान के पास दो तलवारें थीं?

ऐसा है तलवार का इतिहास
चार मई, 1799 को टीपू सुल्तान की राजधानी श्रीरंगपट्टनम पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया। इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने टीपू की तमाम चीजें सीज कर लीं। इनमें से ही एक थी टीपू सुल्तान की तलवार। इस तलवार को इस अभियान के कर्ता-धर्ता रहे मेजर जनरनल डेविड बेयर्ड को बतौर तोहफा दिया गया था।

असल में बेयर्ड करीब तीन साल तक टीपू सुल्तान के कैदी रहे थे और इस दौरान उनसे बहुत ही बुरा व्यवहार किया गया था। बाद में काफी समय तक तलवार बेयर्ड के परिवार के पास रही। जब साल 2003 में उनके परिवार ने इसे ऑक्शन हाउस डिक्स नूनन वेब को दे दिया था, जहां से विजय माल्या ने इसे खरीद लिया था।

इसलिए मिली थी तलवार
इस साल 23 मई को यूके के एक अन्य ऑक्शन हाउस बोनहाम्स ने अपनी वेबसाइट पर टीपू सुल्तान को 143 करोड़ रुपए में बेचने का दावा किया। बोनहाम्स के मुताबिक यह तलवार मेजर जनरल डेविड बेयर्ड को जीत के दौरान साहस दिखाने के लिए दी गई थी।

बोनहाम्स ने यह नहीं बताया कि उनके पास यह तलवार कहां से आई, न ही उन्होंने 2003 की नूनान्स की नीलामी का जिक्र किया है। अब सवाल उठता है क्या टीपू सुल्तान के पास दो अलग तलवारें थीं? चूंकि दोनों ही तलवारों को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह जनरल बेयर्ड को दी गई थीं, इसलिए ऐसी संभावना है कि श्रीरंगपट्टनम पर कब्जे के बाद उन्हें दोनों तलवारों को दे दिया गया हो।

इनका यह दावा
इस बीच लंदन के एक मीडिया आउटलेट, द आर्ट न्यूजपेपर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नूनान्स और बोनहाम्स दोनों की तलवारें एक ही हैं। इसके मुताबिक बेडचेंबर तलवार 2003 तक बेयर्ड के परिवार के पास थी।  निधिन ओलिकारा नाम के इतिहासकार का मानना है कि बोनहैम्स ने जो तलवार नीलाम की है वह माल्या की है। उन्होंने कहा कि उस वक्त के समाचार इस बात की तस्दीक करते हैं। इसके अलावा तलवार के सभी फीचर्स और खासियतें भी एक जैसी हैं।

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