कोरबा

शुद्ध पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण, सरपंच ने 3.45 लाख के पेयजल फंड में किया गबन…..


कोरबा/पाली:- छत्तीसगढ़ राज्य के अंतिम पंक्ति में बसे अंतिम व्यक्ति तक शुद्ध पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा मुहैया कराना सरकार की प्रारंभिक जिम्मेदारी मानी जाती है। अपने निर्माण के समय छत्तीसगढ़ के सुदूरवर्ती इलाकों में लोग तालाब, नदी और झिरिया का पानी पीकर गुजारा करते थे। जिससे अनेक बीमारियों का खतरा बना रहता था। राज्य बनने के बाद अलग- अलग सरकारों ने इस स्थिति को सुधारने का प्रयास किया। वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हर नागरिक को शुद्ध जल मुहैया कराने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। शुद्ध पेयजल प्रदान करने के लिए जल जीवन मिशन संचालित किया जा रहा है। इसके विपरीत सरकार के शुद्ध पानी के दावों के बीच बूंद- बूंद साफ पानी को तरसते पहाड़जमड़ी के ग्रामीण अपने इलाके और पंचायत की जमीनी हकीकत बयां कर रहे है। जहां ग्रामीण वर्षों से झिरिया का बदबूदार दूषित पानी पीने को मजबूर है। सरपंच ने इस समस्या के निदान हेतु लाखों की राशि तो पंचायत खाते से आहरण की, लेकिन शुद्ध पेयजल कागजों में मुहैया कराई और पूरी राशि गटक ली।

जिले के जनपद पंचायत पाली अंतर्गत इस विकासखण्ड के दूरस्थ एवं बीहड़ पहाड़ी वाले वनांचल ग्राम पंचायत रतखंडी जो गौरेला- पेंड्रा- मरवाही जिले की सीमा में बसा है। इस पंचायत के आश्रित पहाड़जमड़ी में बसे आधी आबादी के लोग वर्षों से खेत मे बने झिरिया पर भरे गंदे नाले का दूषित और बदबूदार पानी पीकर अपनी प्यास बुझा रहे है, साथ ही उसी गंदे पानी से अपना जीवन यापन करने को मजबूर है। यहां गत 2020- 21 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बाबूलाल सोनवानी सरपंच निर्वाचित है। जिन्होंने अपने शुरुआती कार्यकाल में ही दूषित पानी का सेवन कर रहे इस गांव के लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुँचाने के नाम पर लाखों रुपए का खेला किया। जिसके मुताबित पहाड़जमड़ी में गणेश घर से मनीराम घर तक पाइप लाइन विस्तार, सबमर्सिबल पंप, सिन्टेक्स स्थापना कार्य और रामबाई घर से यादव घर तक पाइप लाइन विस्तार के नाम पर रिचार्ज बाउचर तिथि 14 अक्टूबर 2020 की स्थिति में 3 लाख 45 हजार 980 रुपए 14वें वित्त मद से निकाली गई है। ऑनलाइन सरकारी पोर्टल में जिस कार्य के लिए राशि आहरण का उल्लेख है, किन्तु उक्त काम धरातल पर आज तलक कराया ही नही गया है और पूरी राशि बिना डकार के हजम कर ली गई।

विकासखण्ड का दूरस्थ एवं अंदुरुनी गांव होने से यहां प्रशासनिक अधिकारियों की पहुँच लगभग शून्य है, जिसका फायदा उठा सरपंच- सचिव ने मिलीभगत कर विकास के नाम पर शासकीय राशि का जमकर गबन किया है। ऑनलाइन सरकारी पोर्टल में दर्शित कार्य और आहरित राशि की भौतिक जानकारी लेने जब हमने पहाड़जमड़ी गांव का दौरा किया तब पाया कि गणेश घर से मनीराम घर तक की दूरी आधे किलोमीटर की है, जहां गोंड व कंवर जाति के लगभग 8- 9 घरों के परिवार बसे है। वहीं रामबाई घर से यादव घर तक 5- 6 घरों के परिवार निवासरत है, जहां किसी भी प्रकार के पाइप लाइन विस्तार कार्य और सबमर्सिबल, सिन्टेक्स स्थापना का काम हुआ ही नही है। गणेश राम और उसके साथ बसे परिवार के लोग वर्षों पूर्व से शुध्द पानी की कमी से जूझते हुए भगवान भरोसे अपना जीवन गुजार रहे है। ये पानी इतना गंदा है कि इसे पीकर कोई भी बीमार पड़ जाए, बावजूद इसके ये अपनी प्यास बुझाने इसी गंदे पानी का उपयोग कर रहे है। झिरिया का पानी पीने को मजबूर परिवारों के राजकुमार सरोठिया व सावित्री बाई ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया कि उनके पास अपनी प्यास बुझाने के लिए साफ पानी नही है। नाला से बहकर गंदा पानी खेत मे बने झिरिया में भर जाता है। जिस दूषित पानी का उपयोग पीने सहित अपने दैनिक दिनचर्या के लिए वर्षों से करते चले आ है। सबसे ज्यादा दिक्कत उन्हें बारिश के समय होती है, जब गंदा पानी पीने की वजह से उन्हें कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

इस बदहाली से निजात दिलाने को लेकर कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि उनकी सुध लेने नही आता। केवल सरपंच चुनाव के समय आते है, वोट लेकर चले जाते है। जबतक वोट नही मिलता है तब तक कहते है कि शुद्ध पानी की व्यवस्था हो जाएगी। बाद में झांकने तक नही आते है। इसी प्रकार 5- 6 घरों के परिवार निवास करने वाले और रामबाई घर के समीप निवासरत बीरबल यादव ने बताया कि उनके पेयजल की परेशानी को लेकर कभी किसी ने ध्यान नही दिया। पीने के लिए आधे किलोमीटर की दूरी तय कर प्राथमिक शाला परिसर में लगे बोर से पानी लाने को मजबूर है। जिसके बाद उनके पास साफ पानी लेने का कोई दूसरा स्रोत नही रह जाता है, तो निस्तारी के लिए नाले के पानी का उपयोग करते है।

पहाड़जमड़ी के ये परिवार जो वर्षों से झिरिया का पानी पीने और पेयजल के लिए जद्दोजहद कर रहे है, इनकी समस्या आखिर कब तक दूर होगी, यह कह पाना मुश्किल है। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो के विकास के लिए अनेको योजनाएं संचालित की जा रही है। दूसरी ओर सरकार की सोच है कि जिस समाज मे शुद्ध जल की कमी होती है, उसका प्रभाव विकास पर भी दिखाई देता है। जिसके तहत हर घर नल से जल पहुँचाने वाली योजना सहित दूसरी योजनाओं के माध्यम से शुद्ध पेयजल आपूर्ति पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन सुदूर ग्रामीण अंचलों में पंचायत प्रतिनिधियों के भ्रष्ट्र कार्यप्रणाली से ऐसी योजना का लाभ जमीनी स्तर पर जरूरतमंदों को नही मिल पाता और वे दम तोड़ती नजर आती है।

जिसका उदाहरण और भ्रष्ट्राचार को रतखंडी का पहाड़जमड़ी गांव प्रदर्शित कर रहा है। इसके अलावा सरपंच- सचिव के मिलीभगत से नाली निर्माण के काम कागजो पर, रनिंग वाटर व्यवस्था के नाम पर दोहरी- तिहरी राशि का आहरण व पेयजल के नाम पर भी मनमाने राशि दोहन सहित सांसद, विधायक मद की राशि का भी दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है। जहां विकास की चिडिया सिर्फ दस्तावेजों तक ही सीमित है। बहरहाल सुविधाओं व पेयजल के अभाव में जिंदगी बिता रहे पहाड़जमड़ी के ग्रामीणों को सरकार से मदद की आस है।

Related Articles

Back to top button