छत्तीसगढ़

सिम्स में जांच के नाम पर मरीजों को मिल रहीं तारीख, एमआरआई की वेटिंग तीन महीने पार

(आशीष मौर्य के साथ जयेंद्र गोले) : मेडिकल कॉलेज सिम्स को बाहर से जितना भी आकर्षक बनाया जा रहा है इसकी अंदरुनी व्यवस्था जस की तस बनी हुई है. फरवरी 2021 में सिम्स में MRI और सीटी स्कैन की शुरुआत की गई, मगर इसका लाभ मरीजों को समय पर नहीं मिल पाया.

मशीन की संख्या एक और मरीज ज्यादा होने के कारण, यहां सिर्फ तारीख मिलती. सिम्स मे MRI की वेटिंग 3 महीने की चल रही है. यानी अगर कोई मरीज आज एमआरआई के लिए रसीद काटता है तो उसका नंबर 3 महीने बाद आएगा.

हालांकि रेडियो डायग्नोसिस डिपार्टमेंट की HOD डॉ अर्चना सिंह का कहना है कि डॉक्टर और संसाधनों की कमी के चलते सिम्स में यह हालात बने हैं. उनका यह भी कहना है कि मरीज की स्थिति को देखकर एमआरआई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.

सिम्स में बिलासपुर संभाग ही नहीं बल्कि आसपास के मरीज बड़ी संख्या में अपना इलाज कराने आते हैं.सिम्स की रोजाना की ओपीडी लगभग 1500 मरीजों की है. वही यहां 800 बिस्तर है

विभाग के अनुसार प्रतिदिन यहां 40 से 45 सोनोग्राफी, 35 से 40 सीटी स्कैन, 8 से 10 MRI और 200 से अधिक एक्स-रे किए जाते हैं.
डॉक्टर और संसाधनों की कमी से जूझ रहे सिम्स की हालत कब ठीक होगी यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है.

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