(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। बहुत पहले किस्सों-कहानियों में एक बात कही जाती थी जिन लाहौर नहीं देख्यां.. वैसे ही मुंगेली की समस्याओं पर लिखने वालों से कहा जा सकता है कि अगर उन्होंने मुंगेली के इनडोर स्टेडियम की हालत नहीं देखी तो कुछ भी नहीं देखा..!
वैसे तो हालत बिलासपुर के बहतराई और रघुराज सिंह स्टेडियम की भी बहुत अच्छी नहीं है। हाल ही में बहतराई में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में इधर उधर से पैसों का जुगाड़ कर हालात बेहतर बनाने की कोशिश की गई थी। लेकिन अब राष्ट्रीय खेल समाप्त हो गए हैं। इसके बाद ना तो वहां कलेक्टर-कमिश्नर जाएंगे और ना ही खेल विभाग के पदाधिकारी..!
मतलब कुल मिलाकर दो-एक महीने में बहतराई स्टेडियम की हालत फिर से पहले जैसी ही होनी तय है। आज सोशल मीडिया में मुंगेली का एक वीडियो किसी खेलप्रेमी ने शेयर किया है। (उन्हे साधुवाद)इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि मुंगेली के इंडोर स्टेडियम को, वहां के कर्णधारों ने शायद अपने पिताजी की प्रॉपर्टी समझ लिया है। इसलिए आए दिन वहां कार्यक्रम और कार्यक्रमों के लिए इंदौर स्टेडियम के हाल की दुर्गति की जा रही है। मुंगेली के इस इनडोर स्टेडियम के भीतर का हाल खुद जिला प्रमुख जिलाधीश को जाकर देखना चाहिए।
और वहां इंडोर स्टेडियम की दुर्गति करने के लिए जो तत्व जिम्मेदार हैं । उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। रहा सवाल खेल विभाग का… तो छत्तीसगढ़ के, और शहरों की तरह मुंगेली के खेल विभाग की हालत तो इस स्टेडियम से भी खराब है। ना तो अच्छे अधिकारी हैं और ना ही नोट-पानी..! और जगहों की तुलना में मुंगेली के लोग काफी जागरूक है। अगर वे चाहें तो प्रशासन पर दबाव बनाकर इस इनडोर स्टेडियम की हालत और बीमारी का इलाज कर सकते हैं। उनसे गुजारिश है कि इस ओर ध्यान दें।
रहा सवाल यह कि हमें दूसरे जिले की समस्या में अपनी टांग अड़ा ने की क्या जरूरत थी..? तो वीडियो में इंडोर स्टेडियम की इस हालत के लिए पत्रकारों पर भी ध्यान नहीं देने का आक्षेप लगाया गया है। और पत्रकारों पर लग रहे बेध्यानी के इस आयोप से बचने के लिए ही मुझे कलम उठानी पड़ी है। मुंगेली के पत्रकार साथियों को हम सब बहुत अच्छे से जानते हैं। वहां के पत्रकार साथी जागरूक, मुंगेली की आवाज उठाने वाले और अपने जिले की चिंता करने वाले हैं।
बहरहाल प्रशासन से उम्मीद तो की ही जा सकती है कि इस वायरल वीडियो का अवलोकन कर मुंगेली के इस इनडोर स्टेडियम की दयनीय स्थिति को ठीक-ठाक करने की दया करें। साथ ही इस अच्छे स्टेडियम की दुर्गति के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई भी की जानी चाहिए..! जिससे मुंगेली के ताहुतदारों को यह संदेश मिल सके कि खेलों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।