बिलासपुर

चांपी जलाशय बांध के रिसाव को रोकने जीर्णोद्धार के लिए छोड़ा गया पानी….डेम सेफ्टी पैनल की जांच रिपोर्ट के तहत किया जा रहा था विधिवत तरीके से कार्य.. मुख्य अभियंता हसदेव कछार

(इरशाद अली संपादक लोकस्वर टीवी) : बिलासपुर। हाल ही में कांकेर जिले के पखांजूर थाना अंतर्गत परलकोट बांध में गिरे मोबाइल को खोजने के लिए बांध से पानी को बहा देने के मामले में तीन अधिकारियों के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।पानी बहाने के कारण जुर्माना और निलंबन की कार्यवाई भी हुई है। इस मामले ने तमाम उन अधिकारियों की आंखें खोल दी हैं जिनकी अनदेखी के कारण प्रदेश में जगह जगह पानी की बर्बादी के लिए गलत निर्णय लिए जा रहे थे। ठीक इसी तरह का एक मामला बिलासपुर जिले के चांपी जलाशय का भी सामने आया है। जिसमें बांध से पानी को बहा दिया गया है।

इस संबंध में कार्यपालन अभियंता मधुचंद्रा से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया की चांपी जलाशय का पानी यूं ही व्यर्थ नहीं बहाया गया है इसका पानी नहर के जरिए विभिन्न जलाशय एनीकट और तालाबों में भरा गया है। दरअसल इसके पीछे कारण यह है कि बीते वर्ष 20 जनवरी 2020 को सीडब्ल्यूसी यानी डेम सेफ्टी पैनल ने इस वर्षों पुराने चांपी बांध का निरीक्षण किया था जिसमे उन्होंने हेड सुलूस के मेशोनरी दीवाल से अत्यधिक पानी का रिसाव होते देखा। टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में रिसाव को रोकने और जल की बर्बादी को बचाने के लिए तत्काल मरम्मत कार्य करने कहा था। इस संबंध में जलसंसाधन विभाग ने 127.16 लाख रुपए का इस्टीमेट बना प्राक्कलन तैयार कर शासन से विधिवत अप्रूवल ले लिया।और इस कार्य को करने के लिए टेंडर जारी कर ठेकेदार को काम दे दिया गया।काम शुरू करने से पहले अत्यधिक भरे चांपी जलाशय के पानी को खाली करना जरूरी था।

इसके लिए भी वरिष्ठ अधिकारियों से निर्देश प्राप्त करने के बाद 28 मार्च 2023 से पानी को खाली करने हेड सुलूस का गेट खोल कर नहर के जरिये पानी काल्हामार व्यपवर्तन,सीलदहा व्यपवर्तन एवं लक्षणपुर व्यपवर्तन के अलावा दो एनीकट और 5 तालाब जिनमें जोगी डबरी तालाब, शाही तालाब,आम्हा तालाब, गेवलाही तालाब और दुलहरा तालाब में पानी भरा गया। पानी अधिक होने के कारण अरपा नदी में निर्मित विभिन्न एनीकटों में भी पानी छोड़ने का प्रयास किया गया मगर बिलासपुर शहर में निर्माणाधीन दो एनीकट का काम प्रभावित हो जाएगा इस कारण निगम के अधिकारियों के मना करने के कारण अरपा के एनीकटों में पानी नहीं छोड़ा गया।और 24 अप्रैल 2023 को हेड सलूस का गेट बंद कर पानी रोक दिया गया।इस वजह से चांपी जलाशय का जलस्तर कम नहीं हो पाया। यही कारण है कि जैकेटिंग का काम नहीं किया जा सका।

विभाग द्वारा अनावश्यक पानी बहा दिए जाने की फैली खबर को लेकर इस संबंध में मुख्य अभियंता हसदेव कछार जल संसाधन विभाग ने भी एक विज्ञप्ति जारी कर स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने बताया कि बांध के रिसाव को रोकने और व्यर्थ पानी को बहने से बचाने के लिए जीर्णोद्धार कार्य हेतु बांध से पानी कम किया जा रहा था,मगर पानी अत्यधिक होने के कारण कार्य को किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। मुख्य अभियंता ने स्पष्ट किया कि चांपी जलाशय से छोड़ा गया पानी बर्बाद नहीं किया गया है एनीकट व्यपवर्तन और तालाबों में भरकर इसका सदुपयोग किया जा रहा है।

अरपा में पानी छोड़ने की अनुमति नहीं मिली इसलिए अब चांपी जलाशय के जीर्णोद्धार के लिए जो काम किया जाना है आने वाले साल में पानी कम होने के दौरान इस काम को पूरा किया जाएगा।उन्होंने यह भी बताया कि अभी भी चांपी जलाशय में 40 फ़ीसदी पानी भरा हुआ है, और इस जलाशय का केचमेंट एरिया काफी अच्छा होने के कारण थोड़े से बरसात से ही यह जलाशय पूरी तरह भर जाता है। आवश्यकता पड़ने पर अभी भी इस बांध से पानी छोड़ा जा सकता है।व्यर्थ पानी बहाने की सूचनाओं को उन्होंने भ्रामक बताया है।

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