हम एकलव्य की संतान, अंगूठा नहीं…’, रामचरितमानस विवाद के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री का नया बयान
(शशि कोन्हेर) : बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर अपने विवादित बयानों की वजह से लगातार सुर्खियों में हैं. RJD कोटे से नीतीश कैबिनेट में शामिल प्रो. चंद्रशेखर ने पिछले दिनों रामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले प्रो. चंद्रशेखर ने अब एकलव्य की चर्चा कर सियासी एजेंडा तय करने का प्रयास किया है.
प्रो. चंद्रशेखर ने एकलव्य की चर्चा करते हुए एक ट्वीट किया है. शिक्षामंत्री ने अपने इस ट्वीट में कहा कि जिनके पुरखों ने फिरंगियों के साथ मिलकर हमारे देश के गरीबों पर जुल्म ढाए, क्या वह हम पर राज करेंगे? हम एकलव्य की संतान हैं, हम अंगूठा देना नहीं, बल्कि जवाब देना जानते हैं. हम शहीद जगदेव बाबू की संतान कुर्बानी देना नहीं, कुर्बानी लेना जानते हैं. तैयार रहें चट्टानी एकता से इनकी जड़े हिलानी हैं.
इससे पहले शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने खुले मंच से कहा था कि रामचरितमानस में कई ऐसी बातें हैं, जो समाज को बांटने वाली हैं. प्रो. चंद्रशेखर के इस बयान के बाद बिहार में जो सियासी महाभारत शुरू हुई वो अब उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान और सियासी संग्राम के तौर पर आगे बढ़ रही है.
दरअसल शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने रामचारितमानस पर जब विवादित बयान दिया तो उनके विरोधियों ने कड़ी आपत्ति जताई थी. बीजेपी के अलावे जेडीयू ने भी शिक्षा मंत्री के बयान पर एतराज जताया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक ने इस मामले में शिक्षा मंत्री को नसीहत दी थी, लेकिन उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने पूरा समर्थन प्रो. चंद्रशेखर को दिया था. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने यहां तक कह डाला कि आरजेडी प्रो. चंद्रशेखर के साथ मजबूती से खड़ी है.
क्या करना चाहते हैं प्रो चंद्रशेखर?
शिक्षा मंत्री के रामचारितमानस पर विवादित बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा शुरू हो गई थी कि प्रो. चंद्रशेखर बिहार में मंडल पार्ट 2 जैसे कोई सियासी प्लान को आगे बढ़ाना चाहते हैं. इस चर्चा को तब और मजबूती मिली, जब उनकी पार्टी के नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने विवादित बयान को लेकर कुछ भी नहीं कहा. अब प्रो. चंद्रशेखर एकलव्य वाले ट्वीट के जरिए इस चर्चा पर मुहर लगा रहे हैं. प्रो. चंद्रशेखर अतिपिछड़ों की गोलबंदी और सवर्णों पर निशाना साध रहे हैं.
क्या है सियासी एजेंडा?
ऐसा नहीं है कि सवर्ण विरोधी बयान देने वाले प्रो. चंद्रशेखर आरजेडी के इकलौते नेता हैं. बल्कि राज्य कैबिनेट में ही मंत्री और तेजस्वी यादव की नई टीम में शामिल मंत्री आलोक मेहता भी कुछ ऐसा बयान दे चुके हैं. प्रो. चंद्रशेखर का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें वो अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी से रामचरितमानस के विरोध करने के तरीके पर अपना प्लान समझाते फोन पर सुने गए थे.
ये इस बात की ओर इशारा करता है कि असल लड़ाई आगामी लोकसभा चुनाव और उसके बाद बिहार में सियासी जमीन को लेकर ओबीसी बनाम सवर्ण एजेंडा सेट करने की है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इसके 2 फायदे आरजेडी को नजर आ रहे हैं. पहला- बीजेपी हिंदू कार्ड के जरिए गोलबंदी करने में असफल हो सकती है और दूसरा- बिहार में बीजेपी का ओबीसी कार्ड भी ना चले.