नागपुर में आयोजित RSS दशहरा रैली में क्या क्या बोले सरसंघचालक मोहन भागवत….
(शशि कोन्हेर) : नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का वार्षिक ‘विजयदशमी उत्सव’ कार्यक्रम मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में कार्यकर्ताओं के ‘पथ संचलन’ के साथ शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे।
इस मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संगठन के संस्थापक केबी हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी। साथ ही, उन्होंने ‘विजयादशमी उत्सव’ के मौके पर शस्त्र पूजा की।
उन्होंने कहा, “पिछले वर्ष, भारत ने जी-20 के अध्यक्ष के रूप में मेजबान की भूमिका निभाई। लोगों द्वारा दिए गए गर्मजोशी भरे आतिथ्य के अनुभव, भारत के गौरवशाली अतीत, चल रही रोमांचक विकास यात्रा ने सभी देशों के प्रतिभागियों को बहुत प्रभावित किया। एशियाई खेल और चंद्रयान-3 मिशन का सफलता का गुनगान
एशियाई खेलों में भारत की उपलब्धि पर उन्होंने कहा, “हाल ही में, हमारे देश के खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में पहली बार 100 का आंकड़ा पार करते हुए 107 पदक (28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य) जीतकर हमें बहुत गर्व और खुशी दी। हम उन्हें हार्दिक बधाई देते हैं। साथ ही उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन को लेकर कहा, “चंद्रयान मिशन ने पुनर्जीवित भारत की ताकत, बुद्धिमत्ता और चातुर्य का भी शानदार प्रदर्शन किया। देश के नेतृत्व की इच्छाशक्ति हमारे वैज्ञानिकों के वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीकी कौशल के साथ सहज रूप से जुड़ी हुई है।”
मोहन भागवत ने कहा, “रामलला की प्रतिष्ठा के अवसर पर हमें जगह-जगह यह आयोजन करना चाहिए। इससे हर हृदय में मन के राम जागृत होंगे और मन की अयोध्या का श्रृंगार होगा, समाज में स्नेह, जिम्मेदारी और सद्भावना का वातावरण बनेगा। किसी राष्ट्र के प्रयास राष्ट्रीय आदर्शों से प्रेरित होते हैं। रामलला, जिनका चित्र हमारे संविधान की मूल प्रति के एक पृष्ठ पर दर्शाया गया है, उनका मंदिर अयोध्या में बनाया जा रहा है। यह घोषणा कर दी गई है कि श्री रामलला को मंदिर के गर्भगृह में 22 जनवरी, 2024 को प्रतिष्ठित किया जाएगा। देश के वीरों को किया याद
आरएसएस प्रमुख ने कहा, “हम महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण वर्ष का जश्न मना रहे हैं, जिन्होंने अपने अनुकरणीय जीवन से पूरे विश्व को अहिंसा, दया और नैतिकता का मार्ग दिखाया। हमने अभी-अभी तमिल संत श्रीमद रामलिंग वल्लालर की 200वीं वर्षगांठ का समारोह पूरा किया है, जिन्होंने अपनी युवावस्था से ही देश की आजादी के लिए लोगों को जागृत करना शुरू कर दिया था। गरीबों के अन्नदान के लिए उन्होंने जो चूल्हा जलाया, वह आज भी तमिलनाडु में जलता है।”
उन्होंने कहा, “यह छत्रपति श्री शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का 350वां वर्ष भी है, जिन्होंने न्याय और लोक कल्याण पर आधारित हिंदवी स्वराज की स्थापना करके हमें 350 वर्षों की विदेशी पराधीनता से मुक्ति का मार्ग दिखाया। इस वर्ष कोल्हापुर (महाराष्ट्र) के शासक छत्रपति शाहूजी महाराज की 150वीं जयंती भी है, जिन्होंने कल्याण और प्रशासनिक कौशल की अपनी दृष्टि के साथ, सामाजिक असमानता को खत्म करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।” शंकर महादेवन थे मुख्य अतिथि
समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में गायक-संगीतकार शंकर महादेवन औपचारिक दशहरा कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रहे हैं। इस अवसर पर शंकर महादेवन ने विजयादशमी के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिए आरएसएस प्रमुख को धन्यवाद दिया।
शंकर महादेवन ने कार्यक्रम में कहा, “मैं विजयादशमी के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देना चाहता हूं। मैं बहुत सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मेरा स्वागत किया गया। मैं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और पूरे स्वयंसेवक संघ परिवार को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बहुत उत्साहित हूं।”