मोदी सरनेम वाले मामले में राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट याचिका में क्या कहा है
(शशि कोन्हेर) : कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस समय बड़े सियासी संकट में फंसे हैं। मोदी सरनेम मामले में उन्हें ना सेशन कोर्ट से राहत मिली है और ना ही हाई कोर्ट ने भी कोई राहत दी है। ऐसे में अब राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनकी तरफ से शनिवार को एक अर्जी दायर कर दी गई। उस अर्जी में क्या बताया गया है, ये बात अब सामने आ गई है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी अर्जी में सबसे बड़ी दलील ये है कि उनका आठ साल का करियर सीधे-सीधे खराब हो जाएगा। वे इस मामले को इतना बड़ा नहीं मानते हैं, ऐसे में वो कड़ी सजा भी नहीं चाहते हैं। यहां ये समझना जरूरी है
कि Representation of the People Act सेक्शन 8(3) के तहत अगर किसी को दो साल से ज्यादा की सजा मिलती है तो 6 साल तक वो चुनाव नहीं लड़ सकता है। इसी वजह से कहा जा रहा है कि आठ साल खराब हो सकते हैं।
राहुल गांधी की तरफ से ये तर्क भी दिया गया है कि याचिकाकर्ता ने जो आरोप लगाया है, वो इतना गंभीर नहीं है और उसके लिए ये कठोर सजा मिलना भी ठीक नहीं। वैसे इन्हीं तर्कों के साथ हाई कोर्ट में भी कांग्रेस नेता की तरफ से गुहार की गई थी, लेकिन तब कोई राहत नहीं मिली।
जानकारी के लिए बता दें कि इसी महीने हाई कोर्ट ने दो टूक कहा था कि राहुल गांधी की सजा पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। साफ कर दिया गया था कि ट्रायल कोर्ट के फैसले में कोई हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है, उन्हीं तर्कों के आधार राहुल की याचिका खारिज कर दी गई थी।
इससे पहले भी राहुल की तमाम अर्जियां ऐसे ही खारिज की जा चुकी हैं। ये मामला साल 2019 से जुड़ा हुआ है जब मोदी सरनेम को लेकर राहुल गांधी ने विवादित बयान दिया था।
राहुल ने क्या बोला था?
अपने बयान में राहुल गांधी ने कहा था, ‘…ऐसा क्या है कि सभी चोरों के उपनाम मोदी है।’ कर्नाटक में आयोजित एक चुनावी जनसभा में दिए राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जताते हुए गुजरात बीजेपी के नेता और विधायक पूर्णेश मोदी ने आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। पूर्णेश मोदी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बयान के जरिए किसी व्यक्ति विशेष को नहीं, बल्कि समूचे मोदी समुदाय के लोगों की भावनाओं को आहत किया है। राहुल गांधी के इस बयान से समाज में मोदी समुदाय के लोगों का सम्मान के ठेस पहुंचा है।