दिल्ली के महापौर चुनाव में भाजपा को किस चमत्कार का भरोसा..? और आम आदमी पार्टी को…!
(शशि कोन्हेर) : भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के मेयर पद के चुनाव में निगम की 3 बार की पार्षद रेखा गुप्ता को प्रत्याशी बनाकर सभी राजनीतिक पर्यवेक्षकों को चकित कर दिया है। दरअसल संख्या बल के हिसाब से सीधे-सीधे देखने पर आम आदमी पार्टी (आप) की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेराय भारी पड़ती दिख रही हैं।जबकि भाजपा की वरिष्ठ नेता और तीन बार की निगम पार्षद रेखा गुप्ता उन्हें चुनौती दे रही हैं।
सभी राजनीतिक दिग्गजयह सोच कर परेशान हैं कि जब नगर निगम में आम आदमी पार्टी को स्पष्ट बहुमत प्राप्त है तो भारतीय जनता पार्टी किस उम्मीद अथवा सोच में मेयर का चुनाव लड़ रही है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि नगर निगम में विप और दल बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता। भाजपा किसी चमत्कार के भरोसे चुनाव लड़ रही है।
नगर निगम की 250 सीटों में आप ने 134 और भाजपा ने 104 सीटें जीती हैं। मेयर चुनाव में मनोनीत 14 विधायक, लोकसभा के सात और राज्यसभा के तीन सदस्य भी मतदान करेंगे। इस हिसाब से भारतीय जनता पार्टी के पास मेयर चुनाव के लिए 125 से भी अधिक मत दिखाई दे रहे हैं।
भाजपा को उम्मीद है कि इसके अतिरिक्त लगने वाले मतों का जुगाड़ पार्टी के रणनीतिकार जरूर कर लेंगे। और इसी दम पर भाजपा अल्पमत में होने के बावजूद दिल्ली के मेयर पद के चुनाव में ताल ठोक रही है।
असली लड़ाई मेयर के चुनाव के बाद शुरू होनी है। निगम स्वशासी था। बाद में अघोषित रूप से दिल्ली सरकार के अधीन लाया गया, लेकिन दिल्ली सरकार का हस्तक्षेप ज्यादा नहीं रहा। अब तीन निगमों को एक कर दिया गया है। दिल्ली सरकार तो पहले से ही उप राज्यपाल के हस्तक्षेप को लेकर आवाज उठाती रही है। नगर निगम का तो पूरा ही नियंत्रण ही उप राज्यपाल के पास विधिवत रहने वाला है।