जब मीटिंग में राहुल से भिड़ गए भाजपा सांसद…..विदेश मंत्री एस. जयशंकर को देना पड़ा दखल
(शशि कोन्हेर) : एस. जयशंकर की अध्यक्षता में हुई विदेश मामलों की सलाहकार समिति की बैठक में भाजपा सांसदों और राहुल गांधी के बीच बहस हो गई थी। भाजपा के सांसदों ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने लंदन में भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठाकर देश का अपमान किया है। इसके बाद बहस छिड़ गई। दोनों पक्षों की ओर से तीखी बहस हुई। भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि मीटिंग का मुख्य एजेंडा जी-20 में भारत की अध्यक्षता थी, लेकिन इस दौरान भारत की संप्रभुता पर सवाल उठाने का मसला भी छाया रहा।
जानकारी के मुताबिक भाजपा सांसद ने इस मीटिंग में गौतम अडानी पर आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट, जॉर्ज सोरोस के भारतीय लोकतंत्र पर बयान और पीएम नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्युमेंट्री का मुद्दा उठाया। यही नहीं राहुल गांधी का नाम लिए बिना ही नरसिम्हा राव ने कहा कि कुछ लोग कुछ चीजें बोलते हैं… लेकिन भारतीय लोकतंत्र पर असली धब्बा तो आपातकाल था। इस पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र जितना मजबूत था, उतना ही है। किसी के कुछ कहने या फिर डॉक्युमेंट्री से उसे प्रभावित नहीं होना चाहिए।
इस बीच राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सांसदों के सवालों का मैं जवाब देना चाहता हूं। वह जवाब देने के लिए व्यग्र नजर आए। हालांकि मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे एस. जयशंकर ने कहा कि आप अपने बयान को संसद के लिए रखें। वहीं राहुल गांधी कहते रहे कि मुझे यहां भी बोलने का मौका मिलना चाहिए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने मीटिंग के दौरान कहा कि भारतीय लोकतंत्र पर हमला हो रहा है, यह बात सही है। लेकिन मैंने इस मामले में विदेशी हस्तक्षेप की मांग नहीं की है। उन्होंने यह भी कहा कि क्या यह सच नहीं है कि ईडी की ओर से विपक्ष के नेताओं को टारगेट किया जा रहा है।
इस बहस के बीच भाजपा के नामित सांसद महेश जेठमलानी ने दखल दिया और राहुल गांधी से कहा कि यह मीटिंग तो जी-20 के एजेंडे के लिए है। ऐसे में इसे मुद्दे से भटकाना नहीं चाहिए। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मैंने नहीं बल्कि भाजपा के सांसदों ने ही दूसरा मुद्दा इस मीटिंग में छेड़ दिया।