किसी जज को कब मिलती है खुशी और संतुष्टि CJI चंद्रचूड़ ने बताया..
देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पहल पर पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने सात पीठ गठित कर लोक अदालत के जरिए मुकदमों के सौहार्दपूर्ण निपटारे की शुरुआत की है। लोक अदालत छ दिनों तक चलेंगे। पहले दिन सोमवार को दोपहर दो बजे विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया.
जिसके भीतर मीडिया के कैमरों को भी अनुमति दी गई थी। इस मौके पर मामलों का निपटारा करते हुए CJI चंद्रचूड़ ने खुशी जाहिर की और कहा कि किसी भी जज को सबसे बड़ी खुशी और संतुष्टि तब मिलती है, जब वह सौहार्दपूर्ण तरीके से मामले का निपटारा खुशनुमा माहौल में होता है।
एक दंपत्ति की दिल छू लेने वाली कहानी साझा की, जिसमें पति ने तलाक लेने और अपने बच्चों की कस्टडी के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की थी जबकि उसकी पत्नी गुजारा भत्ते की मांग कर रही थी।
यह मामला आज सुप्रीम कोर्ट की लोक अदालत में आया। चीफ जस्टिस ने बताया कि इस मामले का निपटारा सुखद अंत के साथ हो गया और दोनों ने कहा कि वो राजी-खुशी साथ रह रहे हैं। बकौल सीजेआई दोनों ने तय किया कि वे साथ रहेंगे।
पति ने कहा कि वह पटियाला हाउस कोर्ट जाकर अपने केस वापस ले लेंगे और यह भी कहा कि दोबारा सुप्रीम कोर्ट भी नहीं आएंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपनी स्थापना के 75 वर्ष का जश्न मनाते हुए सप्ताह भर आयोजित होने वाली विशेष लोक अदालत उन मामलों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने के उद्देश्य से शुरू की है, जिनमें समझौते की गुंजाइश है।
इससे पहले CJI चंद्रचूड़ ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय की पहली सात पीठ अपराह्न दो बजे विशेष लोक अदालत में सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए सूचीबद्ध मामलों पर सुनवाई करेंगी। शीर्ष अदालत लंबित मुकदमों में कमी लाने के प्रयास के तौर पर तीन अगस्त तक विशेष लोक अदालत लगा रही है।
सीजेआई ने सोमवार को मुकदमों की सुनवाई शुरू होने पर कहा, ‘‘आज से शुक्रवार तक, हम उच्चतम न्यायालय की लोक अदालत लगाएंगे और पहली सात पीठ मुकदमों पर सुनवाई करेंगी। अगर वकीलों के पास ऐसे मामले हैं, जिनपर लोक अदालत में सुनवाई की जा सकती है,
सीजेआई ने पहले नागरिकों से आग्रह किया था कि अगर उनके मामले शीर्ष अदालत में लंबित हैं, तो वे अपने विवादों का सौहार्दपूर्ण और तेजी से निपटारा करने के लिए विशेष लोक अदालत में भाग लें।
उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड एक वीडियो संदेश में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय 29 जुलाई से तीन अगस्त 2024 तक विशेष लोक अदालत का आयोजन कर रहा है। यह उन गतिविधियों की एक श्रृंखला का हिस्सा है, जिसे उच्चतम न्यायालय अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने के लिए आयोजित कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि न्यायालय के प्रति समर्पित न्यायाधीश बड़े पैमाने पर मामले लंबित होने को लेकर चिंतित हैं। सीजेआई ने कहा, ‘‘अपने सभी सहयोगियों और उच्चतम न्यायालय के कर्मचारियों की ओर से, मैं उन सभी नागरिकों या वकीलों से अपील करूंगा, जिनके मुकदमे उच्चतम न्यायालय में लंबित हैं कि वे अपने मुकदमों का तेजी से निपटारा करने की कवायद के तहत इस अवसर का फायदा उठाएं।’’