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सूपा बोले तो बोले..चलनी भी बोले.. आखिर महबूबा भी चुप कहां रहने वाली..?
(शशि कोन्हेर) : एक पुरानी कहावत है… सूपा बोले तो बोले..चलनी भी बोले।। मतलब जिस चलनी में 56 छेद हों… उसे तो किसी के खिलाफ कोई टीका टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
लेकिन जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इससे कहां बाज आने वाली..? महाराष्ट्र में हुए सियासी घटनाक्रम को लेकर उन्होंने भाजपा को एक लोकतंत्र का पाठ पढ़ा ही दिया।
जिस महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर से धारा 370 खत्म करने पर तरह तरह की धमकियां दी थी। वह अगर किसी पार्टी को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाएं तो यह शोभा नहीं देता।
महबूबा मुफ्ती का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी इस देश में एक के बाद एक लोकतंत्र के तमाम स्तंभों को ध्वस्त करते जा रही है।