आखिर कहां गायब हो गए ₹2000 के नोट….? सरकार ने नोटों की क्यों बंद कर दी छपाई
(शशि कोन्हेर) : आपके हाथ में आखिरी बार 2000 रुपये का गुलाबी नोट कब आया था? दिमाग पर जरा जोर डालिए कि आखिरी बार कब आप दो हजार रुपये के नोट का छुट्टा कराने के लिए इधर-उधर घूम रहे थे. शायद लंबा वक्त हो गया होगा. क्योंकि हमारी करेंसी के सबसे बड़े नोट का सर्कुलेशन इन दिनों कम हो गया है.
रिजर्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में इसे लेकर बड़ी जानकारी दी है. रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में 2000 रुपये के नोट की कमी को लेकर बड़ी वजह सामने आई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गए हैं. इस वजह से बाजार में 2000 रुपये के नोट का सर्कुलेशन कम हो गया है.
नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी के बाद 2000 रुपये के नोट को रिजर्व बैंक ने जारी किया था. 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद 500 और 1000 रुपये के सभी नोट चलन से बाहर हो गए थे. इन करेंसी की जगह रिजर्व बैंक ने 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए थे. रिजर्व बैंक का मानना था कि 2000 रुपये का नोट उन नोट की वैल्यू की भरपाई आसानी से कर देगा, जिन्हें चलन से बाहर कर दिया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, 2000 रुपये के नोट को जारी करने से बाकी नोटों की जरूरत कम पड़ी.
31 मार्च 2017 को सर्कुलेशन वाले नोट की कुल वैल्यू में 2000 रुपये के नोट की हिस्सेदारी 50.2 फीसदी थी. वहीं, 31 मार्च 2022 को सर्कुलेशन वाले कुल नोट की वैल्यू में 2000 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी 13.8 फीसदी थी. हालांकि, रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को बंद नहीं किया है लेकिन इनकी छपाई नहीं हो रही है.
देश में 2000 के नोट सबसे ज्यादा चलन में वर्ष 2017-18 के दौरान रहे. इस दौरान बाजार में 2000 के 33,630 लाख नोट चलन में थे. इनका कुल मूल्य 6.72 लाख करोड़ रुपये था. 2021 में मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में ये जानकारी दी थी कि पिछले दो साल से 2000 रुपये के एक भी नोट की छपाई नहीं हुई है. दरअसल, सरकार RBI के साथ बातचीत करने के बाद नोटों की छपाई को लेकर निर्णय करती है. अप्रैल 2019 के बाद से केंद्रीय बैंक ने 2000 रुपये का एक भी नोट नहीं छापा है.