अयोध्या के राम मंदिर में कहां रहेगा गर्भगृह..? और कहां स्थापित होगी भगवान श्री राम की प्रतिमा…? ट्रस्ट ने जारी की तस्वीर
(शशि कोन्हेर) : अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. दर्जनों करीगर दिन-रात मंदिर निर्माण के कार्य में जुटे हुए हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अब रामलला के गर्भगृह की वह तस्वीर भी जारी कर दी है जिसका लंबे समय से रामभक्तों को इंतजार था.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उस जगह की तस्वीर जारी की है जहां भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जानी है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर जारी तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि विशाल बलुआ पत्थरों से बनाए जा रहे मंदिर को बेहतरीन नक्काशी के साथ तैयार किया जा रहा है. ट्रस्ट की तस्वीरों में रामलला के गर्भगृह पर केसरिया रंग का झंडा लहराता दिख रहा है जिस पर भगवान राम की तस्वीर भी छपी है. इसके बगल में लाल सफेद रंग का लगभग पांच फीट ऊंचा स्ट्रक्चर रखा है. ट्रस्ट के अनुसार उस स्ट्रक्चर जितनी ऊंची भगवान राम की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित की जाएगी.
मंदिर का निर्माण का कार्य तीन चरणों में किया जा रहा है. साल 2023 तक गर्भगृह तैयार कर लिया जाएगा. साल 2024 तक मंदिर का निर्माण होना है और साल 2025 तक मंदिर परिसर का निर्माण पूर्ण किए जाने की योजना है. ट्रस्ट की ओर से ये बताया गया है कि अब तक गर्भगृह का 45 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से जारी की गई तस्वीरों में नजर आ रहा है कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर के चबूतरे के ऊपरी हिस्से का निर्माण हो रहा है. इसमें मंदिर का निर्माण कार्य वृहद स्तर पर दिखाई दे रहा है. गर्भगृह की दीवारें भी आकर्षक तरीके से निर्मित की जा रही हैं.
लाल बलुआ पत्थर बढ़ा रहा है आकर्षण
श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट की गई तस्वीरों में गर्भगृह की दीवारें लाल बलुआ पत्थर से निर्मित होती नजर आ रही हैं. इसके साथ शिला का संयोजन और विशाल रिटेनिंग वॉल का निर्माण भी नजर आ रहा है.
50 एकड़ भूमि पर हरियाली
कुल 70 एकड़ जमीन पर मंदिर बनाया जा रहा है. जिसमें से मंदिर परिसर की 50 एकड़ भूमि पर फैली हरियाली के बीच रामायण कालीन ऐसे वृक्ष दिखाई देंगे, जिनका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में भी मिलता है. इसके लिए भी शोध कार्य चल रहा है कि उस समय के कितने पेड़ पौधों को श्री राम जन्मभूमि परिसर में उगाया जा सकता है.