फीफा के बैन को किसने बताया कठोर…?
(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली – भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने फीफा द्वारा लगाए गए ऑल इंडियन फुटबॉल फेडरेशन के ऊपर बैन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि फीफा का यह निर्णय बेहद कठोर है। हालांकि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह एक मौका है कि खेल के सिस्टम को मजबूत किया जाए। फीफा ने ऑल इंडियन फुटबॉल फेडरेशन में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण यह बैन लगाया है जिसका खामियाजा भारत को अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप की मेजवानी छोड़कर गंवाना पड़ा है। यह वर्ल्ड कप 11 अक्टूवर से 30 अक्टूवर के बीच भारत में प्रस्तावित था।
भूटिया ने कहा कि ‘भारतीय फुटबॉल पर फीफा का बैन दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन साथ ही मुझे लगता है कि यह फीफा का एक कठोर निर्णय है।’ उन्होंने कहा कि ‘यह भारत के पास एक बेहतरीन मौका है कि हम अपने सिस्टम को ठीक करें। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सभी स्टेकहोल्डर्स, फेडरेशन और स्टेट एसोसिएशन साथ आएं और सिस्टम को ठीक करें और भारतीय फुटबॉल की बेहतरी के लिए काम करें।’
ऑल इंडियन फुटबॉल फेडरेशन की स्थापना के बाद ऐसा पहला मौका है जब फीफा द्वारा इस पर बैन लगाया गया है। आपको बता दें कि कार्यकाल खत्म होने के बाद भी पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के पद पर बने रहने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने इसे अमान्य करार दिया था और उन्हें पद से हटा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एआईएफएफ को प्रशासकों की समिति (सीओए) के तहत रखा जिसके कारण फीफा को यह निर्णय लेना पड़ा।
फीफा का यह बैन तब तक रहेगा जब AIFF का चुनाव नहीं हो जाता और सारे कामकाज पूरी तरह से उनके पास नहीं आ जाते। इस बैन के कारण भारत की मेंस और वुमेंस टीम किसी भी अंतर्राष्ट्रीय मैच का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। हालांकि आएसएल और आइ-लीग जैसे टूर्नामेंटों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।