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कौन कर रहा है…. स्वर्ण मंदिर के केंद्रीय सिख संग्रहालय से शहीद भगत सिंह की तस्वीर हटाने की मांग

अमृतसर – संगरूर से नव-निर्वाचित सांसद सिमरनजीत सिंह मान के बेटे और उनकी पार्टी शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के युवा संरक्षक इमान सिंह मान ने बलिदानी भगत सिंह की तस्वीर को केंद्रीय सिख संग्रहालय से हटाने की मांग कर नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने भगत सिंह को नास्तिक भी बताया है।

बेशक उन्होंने एसजीपीसी को एक पत्र सौंप तस्वीर हटाने की मांग की है, लेकिन इस संग्रहालय से बलिदानी की फोटो को हटाना असंभव है। संग्रहालय में एक तस्वीर लगाने की लंबी प्रक्रिया होती है, जिसे नियमों के अनुसार पूरा करना होता है।

केंद्रीय सिख संग्रहालय 1956 में सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के घंटाघर के ऊपर सुशोभित किया गया था। इस संग्रहालय में सिख गुरुओं, सिख इतिहास के योद्धाओं, शहीदों और देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तित्व के लगभग 700 चित्रों को सजाया गया है। इनमें बलिदानी भगत सिंह की तस्वीर भी शामिल है।

इन चित्रों की एक पुस्तक भी शिरोमणि समिति द्वारा प्रकाशित कर संगत को उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा सिख इतिहास से जुड़ी और भी कई निशानियां संगत के दर्शनों के लिए रखी गई हैं। इस संग्रहालय में देश और राष्ट्र को सुशोभित करने वाले व्यक्तित्व की उपलब्धियों को ध्यान में रखा जाता है। भगत सिंह की तस्वीर देश की आजादी के लिए उनके बलिदान को देखने के बाद यहां लगाई गई है।

केंद्रीय सिख संग्रहालय में चित्र को सुशोभित करने के लिए शिरोमणि कमेटी द्वारा एक उप-समिति का गठन किया गया है। इस उप समिति में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार, श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य रजिस्ट्रार, शिरोमणि समिति के कनिष्ठ उपाध्यक्ष, महासचिव, मुख्य सचिव, सचिव धारा-85, प्रबंधक श्री दरबार साहिब, अपर प्रबंधक संग्रहालय शामिल हैं। यह समिति चित्र को लगाने की अनुशंसा करती है, जिस पर विचार-विमर्श के बाद आंतरिक समिति निर्णय लेती है। अंतिम निर्णय के बाद, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी से कीर्तन और प्रार्थना करके अनुमति ली जाती है और फिर चित्र को सिख संग्रहालय में सजाया जाता है।

एसजीपीसी के महासचिव करनैल सिंह पंजोली का कहना है कि जो भी तस्वीर सेंट्रल सिख संग्रहालय में रखी गई है, वह नियमों के तहत लगाई जाती है। भगत सिंह सिख परिवार से थे। देश की आजादी के लिए भगत सिंह के बलिदान को देखते हुए इस तस्वीर को सजाया गया है। इसे सुशोभित किए हुए कई दशक बीत चुके हैं।

पर्यटन और संस्कृति मंत्री अनमोल गगन मान ने कहा कि सिमरनजीत सिंह मान ने शहीद भगत सिंह के बारे में जो कुछ भी कहा है, उसका पंजाब के लोगों ने जवाब दिया है। भगत सिंह की लड़ाई देश की आजादी के लिए थी। भगत सिंह की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

जब एसजीपीसी ने जरनैल सिंह भिंडरांवाला की तस्वीर सिख संग्रहालय में लगाई थी तो कई हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया था। उन्होंने तस्वीर हटाने की मांग की थी, जिसे एसजीपीसी ने मंजूरी नहीं दी थी।

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