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भैंस का असली मालिक कौन.. अब डीएनए टेस्ट से पता लगेगा..!

(शशि कोन्हेर) : उत्तर प्रदेश के शामली में भैंस का असली मालिक कौन है इसके लिए अब उसका डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. पुलिस के लिए पशु के असली मालिक को पहचानना मुश्किल हो रहा था जिसके बाद जिले के एसपी सुकीर्ति माधव ने भैंस का डीएनए टेस्ट कराने का फैसला लिया.

दरअसल, शामली में दो साल पहले हुई भैंस की चोरी का राज खोलने के लिए भैंस और उसे जन्म देने वाली भैंस (मादा) का डीएनए सैंपल लिया गया है. पुलिस अब इस सैंपल को राज्य से बाहर किसी प्रयोगशाला में भेजेगी.

क्या है पूरा मामला?

झिंझाना थाना क्षेत्र के अहमदगढ़ गांव में रहने वाले मजदूर चंद्रपाल कश्यप के घर से 25 अगस्त 2020 को एक भैंस को किसी ने चुरा लिया. चंद्रपाल के अनुसार खोजबीन करने पर उसका भैंस नवंबर 2020 में सहारनपुर के बीनपुर गांव में सतबीर सिंह के घर में पाया गया था.

हालांकि सतबीर ने भैंस को अपना बताते हुए चोरी से इंकार कर दिया था. इसके बाद कोविड महामारी के चलते इस मामले में कानूनी प्रक्रिया आगे नही बढ़ पाई थी, लेकिन फिलहाल एसपी शामली सुकीर्ति माधव ने भैंसे के असली मालिक का पता लगाने के लिए डीएनए परीक्षण के आदेश दिए हैं क्योंकि शिकायकर्ता चंद्रपाल के मुताबिक वह भैंस (मादा) अब भी उसके पास मौजूद है, जिसने चोरी हुए भैंस को जन्म दिया था.

पीड़ित चंद्रपाल कश्यप ने बताया कि इंसानों की तरह, जानवरों में भी अलग-अलग विशेषताएं होती हैं. उसके चोरी हुए भैंस के बाएं पैर पर एक निशान है और उसकी पूंछ के अंत में सफेद है. चंद्रपाल ने बताया कि जानवरों की भी यादाश्त होती है।

मैं जब भी अपने भैंस के पास गया, तो उसने मुझे पहचान लिया और मुझ तक पहुंचने की कोशिश की. पीड़ित ने बताया कि उसे अपने दावे पर पूरा विश्वास है और डीएनए जांच पूरी होने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

बगैर डीएनए पता लगाना मुश्किल: एसपी

एसपी सुकीर्ति माधव द्वारा डीएनए टेस्ट के आदेश के बाद पुलिस के साथ पशु डॉक्टरों की टीम अमदगढ और बीनपुर गांव पहुंची. यहां से डॉक्टरों ने दोनों ही जानवरों के सैंपल लिए।

एसपी सुकीर्ति माधव ने बताया कि यह पता लगाना वास्तव में एक चुनौती थी कि पशु का असली मालिक कौन था. शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि उसके पास चोरी हुए पशु की मां है, इसलिए हमने डीएनए परीक्षण का फैसला लिया।

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