मृतक के शरीर पर किसका अधिकार…नौकरानी या रिश्तेदार…कौन करेगा अंतिम संस्कार.. शव कर रहा इंतजार..जानिए कोर्ट ने क्या कहा
(शशि कोन्हेर) : मृत शरीर पर किसका अधिकार है? अंतिम संस्कार कौन करेगा? एक तरफ नौकरानी तो दूसरी तरफ रिश्तेदार। दोनों पक्षों के बीच कानूनी लड़ाई के चलते मौत के बाद दो साल तक दक्षिण कोलकाता के रहने वाले एक व्यक्ति का शव मुर्दाघर में पड़ा रहा। अंतत: कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर यह मामला सुलझ गया।
दरअसल दक्षिण कोलकाता के आनंदपुर थाना क्षेत्र के मादुरदाह के रहने वाले देबाशीष दास की 11 जुलाई 2020 में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वे माता-पिता की इकलौती संतान होने के साथ अविवाहित थे। उनकी नौकरानी चंद्रमणि मंडल उनकी देखभाल करती थीं। देवाशीष दास की मृत्यु के बाद चंद्रमणि उनका अंतिम संस्कार करना चाहती थीं।
लेकिन पुलिस और अस्पताल किसी ने इसकी अनुमति नहीं दी। अंत में चंद्रमणि मंडल ने उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया। न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने शव का पोस्टमार्टम का आदेश दिया। एनआरएस हास्पिटल में पोस्टमार्टम किया गया। लेकिन देबाशीष दास के शव को एनआरएस मुर्दाघर में रख दिया गया क्योंकि अदालत ने कोई निर्देश नहीं दिया कि अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी कौन लेगा।
मामले की सुनवाई के दौरान कोलकाता के बेलेघाटा के रहनेवाले अनिंद्य घोष, जिन्होंने खुद को देबाशीष दास का चचेरे भाई बताया है, ने मृत शरीर पर अधिकार के लिए मामला दायर कर दिया। सुनवाई के दौरान अनिंद्य घोष के वकील सब्यसाची राय ने कहा कि मेरे मुवक्किल देबाशीष दास के खास चचेरे भाई हैं।
इसलिए उन्हें शव के अंतिम संस्कार का एकमात्र अधिकार है। दूसरी तरफ सुनवाई के दौरान चंद्रमणि के वकील अर्जुन सामंत और सूर्यप्रसाद चट्टोपाध्याय ने दावा किया कि उनकी मुवक्किल देबाशीष दास की तब से देखभाल कर रही हैं जब वह बहुत छोटी थीं। उन्होंने देबाशीष दास के इलाज से लेकर सभी जिम्मेदारियां संभाली हैं।
नौकरानी के नाम कर दी थी सारी संपत्ति
चंद्रमणि के वकील ने कहा कि देबाशीष दास के जीवित रहते किसी ने उनकी खबर नहीं ली। अब रिश्तेदार बनने और दावा करने का क्या मतलब है? देबाशीष दास ने अपनी मृत्यु से पहले 23 अक्टूबर 2019 को अपनी सारी संपत्ति चंद्रमणि मंडल के नाम कर दी थी।
इसलिए उनके शव के अंतिम संस्कार का अधिकार चंद्रमणि को है। अंत में हाई कोर्ट की न्यायाधीश शंपा सरकार ने निर्देश दिया कि देबाशीष दास के शव का अंतिम संस्कार सोमवार 11 जुलाई को दोनों दावेदारों की उपस्थिति में और पुलिस के सहयोग से किया जाए और दोनों पक्षों को मृत्यु प्रमाण पत्र दिया जाए।