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इमरान खान ने ऐसा क्यों कहा कि मैं आलू टमाटर का दाम जानने के लिए राजनीति में नहीं आया..?

भारत की मिसाइल ‘ग़लती’ से पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरने पर अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने बयान दिया है. ख़ान ने एक रैली के दौरान ये कहा कि यदि पाकिस्तान चाहता तो कुछ कर सकता था लेकिन उसने इस मामले को अच्छे से संभाला. इमरान ख़ान पंजाब प्रांत के हफ़ीज़ाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “हमें धमकियां मिलती रहती हैं. अभी जो हिंदुस्तान का एक मिसाइल भी आ गया. पाकिस्तान ने बड़े अच्छे से इसका जवाब दिया…हालांकि हम कुछ और भी कर सकते थे.”उन्होंने कहा, “आज मैं आपको कह दूं हमारा मुल्क वो है जो अपनी रक्षा कर सकता है, जो इस वक्त सही रास्ते पर चल पड़ा है.”

क्या है पूरा मामला?
भारत ने शुक्रवार को कहा था कि तकनीकी ख़राबी की वजह से 9 मार्च को मिसाइल पाकिस्तान के इलाक़े में जा गिरी थी. ये हादसा पाकिस्तान के मियां चन्नू में हुआ.पाकिस्तान सेना के जनसंपर्क विभाग (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर बाबर इफ़्तिख़ार ने 10 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “मियां चन्नू में जो तेज़ गति से उड़ती हुई चीज़ गिरी वह शायद एक भारतीय मिसाइल थी.”

अगले दिन, 11 मार्च, को भारतीय रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में स्वीकार किया कि “नियमित रखरखाव के दौरान तकनीकी ख़राबी के कारण मिसाइल गलती से फ़ायर हो गया था.” भारत के रक्षा मंत्रालय ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश भी दे दिया है.

आलू-टमाटर के दाम जानने के लिए राजनीति में नहीं आया”
इमरान ख़ान ने साथ ही रैली में एक और टिप्पणी की जिसकी काफ़ी चर्चा हो रही है. इमरान ख़ान ने रैली में ये भी कहा कि वो आलू-टमाटर के दाम जानने के लिए राजनीति में नहीं आए थे बल्कि उन्होंने देश के युवाओं के लिए राजनीति में आने की ज़रूरत समझी थी. रैली के दौरान उन्होंने युवाओं से कहा, “मैं आपको एक बात बता दूं. मैंने 25 साल पहले जब सियासत शुरू की थी तो इसलिए नहीं कि टमाटर की क्या कीमत है और आलू की क्या कीमत है. मैं इसलिए आया था क्योंकि मैं पाकिस्तानियों को एक कौम बनाना चाहता था.”

उन्होंने कहा, “मैंने देखा कि कैसे कायदे आज़म के बाद दुनिया में पाकिस्तानियों का वकार (प्रतिष्ठा) गिरता गया. मैंने देखा कि हमारे हुक़्मरानों को पता ही नहीं था कि ये मुल्क़ बना क्यों है. कायदे आज़म के बाद कोई भी ऐसा नेता नहीं था जो पाकिस्तान के बनने का मक़सद जाने.”


इमरान ख़ान ने युवाओं से पूछा, “आप बताएं मुझे 25 साल पहले राजनीति में आने की ज़रूरत क्या थी? अल्लाह मुझे सबकुछ दे चुका था. जो भी मैं ज़िंदगी में चाहता था, अल्लाह वो दे चुका था. मैं नौजवानों आपके लिए राजनीति में आया क्योंकि आप इस मुल्क़ का मुस्तकबिल (भविष्य) हैं.”
“मैं 25 साल से अपनी कौम को बता रहा हूं कि जब तक बुराई के खिलाफ़ खड़े नहीं होगे, तब तक वो आगे नहीं बढ़ेगी. अगर हमें अज़ीम कौम बनना है तो अच्छाई का साथ देना होगा.”
इमरान ख़ान के भाषण में भारत का ज़िक्र
उन्होंने ये भी कहा कि हमारे कायदे आज़म मोहम्मद अली जिन्ना एक ग़ुलाम हिन्दुस्तान में एक आज़ाद नेता थे. उनको देखकर मुसलमानों को फ़ख्र होता था. कभी किसी के सामने नहीं झुकते थे.


उन्होंने यूक्रेन संकट को लेकर कहा, “अभी यूरोपियन यूनियन के सभी एंबेसडरों ने मिलकर ख़त लिखा कि इमरान ख़ान सरकार को रूस के ख़िलाफ़ बयान देना चाहिए. अब ये सारे प्रोटोकॉल के ख़िलाफ़ है. मैंने उनसे पूछा कि क्या हिंदुस्तान को ऐसा ख़त लिखने की जुर्रत है?”

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