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शिमला में क्यों खुद मस्जिद तोड़ना चाहते हैं मुस्लिम,बताया यह बात

शिमला :14 साल से विवादों में घिरी शिमला के संजौली की मस्जिद पर मुस्लिम पक्ष ने बड़ा फैसला लिया है। पिछले कई दिनों से हिंदुओं की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन के बीच मुस्लिम पक्ष ने अवैध हिस्से को खुद तोड़ने की बात कही है।

अदालत में लंबित इस विवाद में फैसला आने से पहले ही मुस्लिम वेलफेयर कमिटी के प्रतिनिधियों ने शिमला म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के कमिश्नर से कहा है कि ढांचे के अवैध हिस्से को सील कर दिया जाए और वे खुद इसे गिरा देंगे। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हिमाचल के सद्भाव को बनाए रखने के लिए बिना किसी दबाव के उन्होंने यह फैसला लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि कोई प्रेशर है तो बस यह कि मोहब्बत बनी रहे।

ज्ञापन सौंपने वालों में मस्जिद के इमाम, वक्फ बोर्ड और मस्जिद प्रबंधन समिति के सदस्य शामिल थे। संजौली मस्जिद के इमार शहजाद आलम ने एएनआई से बातचीत में कहा कि इस मामले को राजनीतिक तूल ना दिया जाए। मंदिर और मस्जिद प्यार-मोहब्बत बनाती है ना कि इसे ठेंस पहुंचाती है।

उन्होंने कहा, ‘हमने यह आवेदन दिया है कि जो अवैध या जो भी है, जो फैसला कोर्ट का आएगा, तब आएगा, लेकिन हमने जो कल हालात देखे हैं। हम हिमाचल के सभी स्थानीय निवासी प्यार मोहब्बत से रहते हैं। हम आगे भी ऐसे ही रहना चाहते हैं। इस मामले को राजनीतिक तूल ना दिया जाए।’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमने आवेदन किया है कि हम खुद ही तोड़ देंगे। कोर्ट का जो भी आगे फैसला होगा हमें मान्य होगा। हमारे ऊपर किसी का प्रेशर नहीं है। हमारे ऊपर प्रेशर है तो सिर्फ इस बात का कि हमारी मोहब्बत बनी रहे।’

मस्जिद में अवैध निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने वाले देव भूमि संघर्ष समिति के सदस्यों ने इस कदम का स्वागत किया। समिति के सदस्य विजय शर्मा ने कहा, ‘हम मुस्लिम समुदाय के कदम का स्वागत करते हैं और व्यापक हित में यह पहल करने के लिए हम सबसे पहले उनका अभिवादन करेंगे।’

मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराए जाने की मांग को लेकर बुधवार को संजौली में हजारों हिंदू सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई। लाठीचार्ज के बीच भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया। कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। भीड़ मस्जिद के बेहद करीब तक पहुंच गई थी। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए प्रदर्शनकारियों को मौके से हटाया।

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