अवैध बारदाना बरामदगी पर प्रशासन क्यूं है मौन, दोषियों पर कार्यवाही नहीं
(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर -(सरगुजा) जिला प्रशासन के सुस्त कार्यप्रणाली एवं उदासीन रवैया के कारण जंप क्षेत्र के धान खरीदी केन्द्र ग्राम निम्हा में एक ग्रामीण बनाफर यादव के घर से मुखबिर के सूचना पर राजस्व के टीम ने दबिश देकर भारी मात्रा में बारदाना जप्त किया था। दरअसल यह मामला लखनपुर ब्लाक क्षेत्र के अन्तर्गत बनाये गये धान उपार्जन केन्द्र निम्हा का है। जहां पिछले माह जनवरी 2023 में नायब तहसीलदार आई0 सी0 यादव एवं राजस्व अमला ने 2284 नग मार्कफेड का अवैध बारदाना एक ग्रामीण के घर से जप्त किया था। आखिर यह बारदाना समिति के बजाय एक आम ग्रामीण के घर में क्यों रखा गया था। स्पष्ट नहीं हो सका है।
इतना ही नहीं जिला खाद्य विभाग के जिम्मेदार पदाधिकारियों एवं धान खरीदी केन्द्र निम्हा में पदस्थ समिति प्रबंधक आपरेटर अन्य कर्मचारियों के कार्य दायित्वों पर सवाल उठने लगा है। यह भी कहा जा रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में बारदाना का मिलना कहीं न कहीं समिति प्रबंधक बड़ी मात्रा में अवैध धान खपाने के फिराक में था और अपने मंसूबों में कामयाब हो गया।
शासन प्रशासन द्वारा बनाया गया ग्राम निम्हा के धान उपार्जन केन्द्र से जप्त अवैध बारदाने ग्रामीण के घर में रखवाने के पीछे किसकी साजिश थी स्पष्ट नहीं हो सका है। इतना ही नहीं अवैध तरीके से रखे मार्कफेड के बारदाना को लेकर चर्चा गरम है दोषी व्यक्तियों पर कोई कार्यवाही नहीं होने से राजस्व एवं खाद्य विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं विभागीय उच्चाधिकारियों के संलिप्तता जताई जा रही है । अवैध बारदाने के जप्ती एवं दोषियों पर कार्यवाही नहीं होने की मुद्दे को लेकर बाजार में चर्चा गरम है।
यह भी बताया जा रहा है कि जप्त बारदाना में से 300 बारदाना ही शेष रह गए हैं। बाकी के बारदाने कहा गये अपने आप में चौंकाने वाली बात है।
इस मुद्दे पर नायब तहसीलदार आई0 सी0 यादव से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के जरिए सम्बंधित खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग को अग्रिम कार्यवाही के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत कर अवगत करा दिया गया था । इसमें खाद्य विभाग द्वारा क्या कार्यवाही किया गया है मालूम नहीं। इतने बड़े तादाद में
जप्त अवैध बारदाना को लेकर दोषी व्यक्तियों के उपर नियमानुसार कार्यवाही होनी चाहिए थी।
नहीं हुई।
जबकि धान खरीदी तय समय सीमा के भीतर 31जनवरी को पूर्णतः बंद हो चुकी है। सूरतेहाल है कि बारदाने का मसला जस का तस अपने जगह पर बनी हुई है। इस अवैध बारदाना कांड के रहस्य से पर्दा उठ सकेगा या नहीं इसकी गारंटी नहीं है। अवैध बारदाने को अन्यत्र रखवाने में किसका हाथ था उन दोषी व्यक्तियों के उपर कार्यवाही क्यों नहीं हुई तमाम इन सवालों का जवाब अब भी बाकी है। बहरहाल इस बात को लेकर क्षेत्र में सवाल उठ रहे हैं। यह बात भी सामने आ रही है कि
पकड़े गए 2284 बारदाना में से फकत 300 बारदाना स्टाक में दर्ज किया गया है । बारदाने कहा गये इसका कोई साक्ष्य नहीं हैं । लोगों का मानना है कि समिति प्रबंधक एवं कम्प्यूटर आपरेटर के मिली भगत से बिचौलियों के धान खरीद कर खपाने का प्रयास किया गया था तथा अवैध बारदाना दूसरे के घर रखवाया गया था। इस बात को भी मामले से जोड़ कर देखा जा रहा है। यह बात भी सामने आ रही है बाद इसके समिति प्रबंधक एवं कम्प्यूटर आपरेटर के उपर नियमानुसार कार्यवाही क्यों नहीं हुई। अब भी सवालों के घेरे में है। जांच मुकम्मल नहीं हो सकी है। जाहिरी तौर पर मामले में दोषी व्यक्तियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
अवैध धान खरीदी करने के लिए यह साज़िश रची गई थी। जिसका खुलासा अब तक नहीं हो सका है। बारदाना कौन रखवाया किस मकसद से रखवाया इसकी पड़ताल यदि इसकी जांच बारिकी से की जाये तो सच्चाई परत दर परत खुल कर सामने आ जायेगा। लेकिन विभागीय जांच अधिकारीयों पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। बारदाना कांड का खुलासा हो पायेगा या नहीं समय पर ही मालूम हो सकेगा।