मैगी नेस्कैफे मिल्कमेड मंच और मिल्कीबार जैसे ब्रांच के मालिक नेस्ले ने भारत में क्यों मांगी माफी
(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली – नेस्ले इंडिया ने गुरुवार को बताया है कि उसने बाज़ार से किटकैट चॉकलेट की वह खेप पहले ही वापस ले ली है, जिसके रैपर पर भगवान जगन्नाथ की तस्वीर छपी थी.
स्विस बहुराष्ट्रीय एफएमसीजी कंपनी नेस्ले की भारतीय इकाई नेस्ले इंडिया को सोशल मीडिया पर विरोध का सामना करना पड़ा था.
सोशल मीडिया यूजर्स ने कंपनी पर ‘किटकैट’ चॉकलेट के रैपर पर पवित्र तस्वीरों का इस्तेमाल कर के धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया था.
कंपनी ने इस मसले पर खेद जताया है और कहा है कि उसने बीते साल ही इस तरह के रैपर वाले चॉकलेट की खेप को बाजार से वापस ले लिया था.
नेस्ले के प्रवक्ता ने कहा हम मामले की संवेदनशीलता को समझते हैं और अगर अनजाने में हमने किसी की भावनाएं आहत की हैं तो उसके लिए खेद व्यक्त करते हैं। हमने यह पैकेट्स बीते साल ही बाजार से हटा दिए थे आपके सहयोग और समर्थन के लिए आभार। कंपनी के अनुसार यह चॉकलेट के ट्रेवल पैक थे जिन्हें कुछ स्थानीय खूबसूरत स्थलों का गुणगान करते हुए छापा गया था। मेगी नेस्कैफे मिल्कमेड मंच और मिल्कीबार जैसे ब्रांच नेस्ले के अधीन ही आते हैं। कंपनी ने बताया कि उसने उड़ीसा की संस्कृति को दिखाने के मकसद से चॉकलेट के पैकेट पर पर चित्र के डिजाइन छापे से। पश्चिम उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में कपड़े पर की जाने वाली पारंपरिक पेंटिंग को कहा जाता है। कंपनी ने कहा हम बीते साल चॉकलेट के पदों पर फट चित्र वाले डिजाइन ओं के जरिए उड़ीसा की संस्कृति को उत्सव के तौर पर मनाना चाहते थे। लेकिन हमारे ऐसा करने पर और पैकेट पर भगवान जगन्नाथ का चित्र बनाने से लोगों की भावनाएं आहत हो रही है यह जानते ही हम ने उक्त पूरे पैकेट कैंसिल कर दिए हैं।