(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर: सोमवार की रात 12:30 बजे शहर के प्रसिद्ध मध्य नगरी दुर्गोत्सव समिति के पंडाल के पास एकाएक पुलिस की दो गाड़ियां आ धमकी। और जब तक लोग माजरा समझ पाते इन गाड़ियों में सवार पुलिस के जवानों ने अपना रौद्र रूप दिखाते हुए दुर्गा पंडाल को बंद कराने का आदेश दिया।
वही कुछ जवान मध्य नगरी चौक दुर्गोत्सव समिति के पंडाल के आजू-बाजू लगे खाने-पीने के स्टाल और ठेले वालों को गाली गलौज करते हुए डंडे के बल पर भगाने लगे। दुर्गोत्सव समिति पंडाल के आसपास पुलिस का ऐसा आक्रामक और रौद्र रवैया तथा बर्ताव वहां मौजूद लोगों की समझ में नहीं आया।
लेकिन जब उन्होंने देखा कि पुलिस वाले मां दुर्गा के पंडाल को जबरिया बंद करवा रहे हैं और ठेले तथा स्टाल वालों को डंडे के दम पर गाली गलौज करते हुए भगा रहे हैं। तो वहां मौजूद समिति से जुड़े लोग भड़क गए। और पुलिस प्रशासन तथा प्रदेश सरकार के खिलाफ जोर शोर से नारेबाजी शुरू हो गई।
नारेबाजी और हो हंगामें को सुनकर बड़ी संख्या में लोग पंडाल की ओर आने लगे और पुलिस की इस हमलावर कार्रवाई का विरोध करते हुए धरना प्रदर्शन जैसा शुरू कर दिया। लोगों की बढ़ती भीड़ और बिगड़ता माहौल देखकर पुलिस के जवान जिन दो गाड़ियों में सवार होकर मध्य नगरी चौक धमके थे। उन्ही गाड़ियों में बैठकर वहां से नौ दो ग्यारह हो गए।।
भीड़ और आक्रोश भड़कते देखकर वहां से खिसक गए पुलिस के जवान अपने पीछे कुछ सवाल छोड़ गए। पहला यह कि बिलासपुर में दुर्गोत्सव के दौरान और खासकर सप्तमी अष्टमी तथा नवमी को दुर्गा पंडालों के आसपास तथा शहर की सड़कों पर पूरी रात चहल-पहल बनी रहती है।
इसके बाद भी आज तक दुर्गोत्सव के दौरान किसी दुर्गा पंडाल में पुलिस का ऐसा बर्ताव देखने को नहीं मिला जैसा सोमवार की आधी रात को मध्य नगरी चौक दुर्गोत्सव समिति के पंडाल के पास लोगों ने देखा..!
वहां मौजूद लोगों ने बताया कि जिन दो गाड़ियों में पहुंचे पुलिस के जवानों ने यह सारा बखेड़ा खड़ा किया। उसमें एक गाड़ी सिटी कोतवाली थाने की थी और दूसरी गाड़ी सिविल लाइन थाने की बताई जा रही है।
यह गनीमत रही कि माहौल और बिगड़ता इसके पहले मध्य नगरी चौक दुर्गा पंडाल और उसके आसपास हंगामा बरपा रहे पुलिस के जवान वहां से निकल गए अन्यथा माहौल क्या बोल लेता इस बारे में अब कुछ नहीं कहा जा सकता।