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दाऊद इब्राहिम को भारत को सौंपेगा पाकिस्तान? इस पर क्या कहा विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने…..

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में लेने वाले भारत आए हुए हैं। इस दौरान उन्हें कई कड़े सवालों का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने की नीति, क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म पर उनसे कई सवाल पूछे गए हैं।

इस बीच शुक्रवार को बिलावल दाऊद इब्राहिम से जुड़े एक सवाल का भी सामना करना पड़ा। हालांकि बिलावल ने जिस अंदाज में इस सवाल का जवाब दिया, उससे पाकिस्तान का दो-मुंहा चेहरा एक बार फिर सामने आ गया।

पाकिस्तान की नीयत से उठा पर्दा
एससीओ बैठक के दौरान बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान और खुद को आतंक पीड़ित के रूप में दिखाया। हालांकि जब उनसे आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर सवाल पूछे गए तो वह सटीक जवाब नहीं दे सके। इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम के दौरान बिलावल से दाऊद को लेकर सवाल पूछे गए।

बिलावल से पूछा गया कि पाकिस्तान कराची में रह रहे मुंबई हमलों के गुनाहगार दाऊद इब्राहिम को भारत को सौंपने को तैयार नहीं है। ऐसे में कैसे भरोसा किया जाए कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है? इसके जवाब में बिलावल ने जिस अंदाज में जवाब दिया, उससे एक बार फिर पाकिस्तान की नीयत पर सवाल खड़े हो गए।

दिया ऐसा जवाब
इस सवाल के जवाब में बिलावल भुट्टो ने कश्मीर में भारत की नीति को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच जमी हुई शांति को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही यह भी स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि कराची में रह रहे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को सौंपने से तनाव टूटेगा या नहीं।

बिलावल ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में यह जमी हुई शांति पांच अगस्त, 2019 की कार्रवाई का परिणाम है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि तब भारत ने एकतरफा तरीके से अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन किया।

बैठक में जयशंकर ने सुनाया था
गौरतलब है कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोहरे रवैये को लेकर बिलावल को जमकर सुनाया था। जयशंकर ने बिलावल भुट्टो-जरदारी की मौजूदगी में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में दो टूक कहा कि बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद के सभी स्वरूपों और इसके वित्तपोषण को रोकना चाहिए। वहीं, अपने संबोधन में बिलावल ने कहा कि हमारे लोगों की सामूहिक सुरक्षा हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है। आतंकवाद वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है।

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