क्या जैन धर्म की दीक्षा लेंगी, बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती..? राजनीति में बनी रहेंगी
(शशि कोन्हेर) : मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शुक्रवार को एक बड़ी घोषणा की है। उमा भारती ने ऐलान किया कि जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज के आदेशों का पालन करते हुए वह अपने परिवार का त्याग कर रही हैं और खुद को सभी पारिवारिक बंधनों से मुक्त कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह अब ‘दीदी मां’ के नाम से जानी जाएंगी। इसकी आधिकारिक घोषणा 17 नवंबर को की जाएगी।
उमा भारती ने परिवार से छोड़ा संबंध
उमा भारती ने 30 साल पहले ही संन्यास ले चुकी हैं। संन्यास लेने के बाद भी उनका परिवार से संबंध बना रहा। उमा भारती ने जब से संन्यास लिया लोग उन्हें दीदी कहकर बुलाते थे, लेकिन अब उमा भारती अपने परिवार से पूरी तरह संबंध तोड़ने जा रही हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि वह 17 नवंबर को सागर में सार्वजनिक तौर मुनिजनों के सामने माइक से घोषणा करके परिवार से पूरी तरह से मुक्त हो जाऊंगी। अब मेरा निजी कोई परिवार नहीं होगा।
उमा भारती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरी संन्यास दीक्षा के समय पर मेरे गुरु ने मुझसे एवं मैंने अपने गुरु से 3 प्रश्न किए उसके बाद ही मेरी संन्यास की दीक्षा हुई। उन्होंने मुझे आज्ञा दी है कि समस्त निजी संबंधों एवं संबोधनों का परित्याग करके मैं मात्र दीदी मां कहलाऊं एवं अपने भारती नाम को सार्थक करने के लिए भारत के सभी नागरिकों को अंगीकार करूं। संपूर्ण विश्व समुदाय ही मेरा परिवार बने।’
राजनीति में बनी रहेंगी उमा भारती
राजनीति में अपने करियर के बारे में और विस्तार से बताते हुए, उमा भारती ने कहा कि उनके त्याग के बाद राजनीति में रहना बड़ा सवाल था। हालांकि, उनके गुरु ने उन्हें राजनीति में रहकर और भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से दूर रहकर देशवासियों की सेवा करने का आदेश दिया।