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कांग्रेस से तो दूर ही रहेंगे अकाली ने दिया भाजपा संग जाने का संकेत……

(शशि कोन्हेर) : कभी लंबे समय तक पंजाब की सत्ता पर काबिज रही शिरोमणि अकाली दल (SAD) अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में फिर से वापसी कर सकती है। ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर पार्टी नेता ने भाजपा के साथ जाने के संकेत दिए हैं। 2024 के चुनावों पर शिरोमणि अकाली दल के महेशिंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि वे कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे।

उन्होंने कहा, “ऑपरेशन ब्लू स्टार की वजह से हम कांग्रेस के साथ नहीं जा सकते। अगर बीजेपी इस नतीजे पर पहुंचती है कि पार्टनर्स को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए तो राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।” शिरोमणि अकाली दल वापस लिए जा चुके तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर 2020 में एनडीए से अलग हो गई थी। पार्टी 1997 से एनडीए का हिस्सा थी। किसान आंदोलन के दौरान पार्टी ने भाजपा का जमकर विरोध किया था।

प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद बढ़ीं नजदीकियां

हालांकि अब पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद से अकाली दल और भाजपा के बीच नजदीकियां बढ़ने के संकेत हैं। बादल को श्रद्धांजलि देने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक पंजाब गए थे। इस दौरान पीएम मोदी ने प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद एक भावुक लेख भी लिखा था। उन्होंने कहा था कि बादल के निधन के साथ, उन्होंने एक पिता तुल्य व्यक्ति खो दिया है, जिसने दशकों तक उनका मार्गदर्शन किया था।

इन कयासबाजियों के बीच केंद्रीय शहरी विकास और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने गठबंधन की बात को खारिज कर दिया था। मीडिया से बातचीत के दौरान अकाली दल से गठबंधन के सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा था कि अकाली दल से गठबंधन अब बीजेपी की तरफ से संभव नहीं है, बीजेपी तेजी से विस्तार कर रही है और अकाली के पास कुछ नहीं बचा है।

JDS भी पॉजिटिव

इस बीच कर्नाटक की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी जनता दल (सेक्युलर) या JDS ने भी भाजपा के साथ आने को लेकर नरम रुख दिखाया है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ‘विपक्षी एकता’ के आह्वान के बीच, JDS प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि उन्हें अभी किसी भी गठबंधन को लेकर फैसला करना है। लेकिन ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर जहां कम से कम एक दर्जन पार्टियां रेल मंत्री का इस्तीफा मांग रही हैं तो वहीं जेडीएस ने इससे इनकार किया है।

जद (एस) प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा, “रेल मंत्री ने हुए नुकसान की भरपाई के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। वह अथक परिश्रम कर रहे हैं। जांच पूरी होने दीजिए। मंत्री अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं और इस स्तर पर उनका इस्तीफा मांगना बुद्धिमानी नहीं है।” देवेगौड़ा के इस बयान को भाजपा के प्रति नरमी के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि पिछले महीने कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में, कांग्रेस ने 135 सीट जीती थीं, जबकि भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमशः 66 और 19 सीट पर जीत हासिल की थी। जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी से जब पूछा गया कि क्या जेडीएस 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के साथ जा रही है, तो उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता अपनी पार्टी को अपने दम पर विकसित करना है। देखते हैं।” 

TDP-BJP गठबंधन की अटकलों को हवा

3 जून (शनिवार) को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू की बैठक ने भाजपा-तेदेपा गठबंधन के बारे में अटकलों को तेज कर दिया है। जानकारी के अनुसार, नायडू ने अमित शाह को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों में राजनीतिक स्थिति के बारे में जानकारी दी थी और चुनावी गठबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया था।

इस बातचीत में एक तीसरी पार्टी भी शामिल बताई जा रही है। हम बात कर रहे हैं जन सेना पार्टी (JSP) की, जो पहले से ही भाजपा के साथ गठबंधन में है। इसके अध्यक्ष पवन कल्याण राज्य में विपक्षी दलों के बीच एकता की आवश्यकता को रेखांकित करते रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकार विरोधी वोट विभाजित न हों। इस पृष्ठभूमि में, बैठक ने आंध्र प्रदेश में ही नहीं बल्कि तेलंगाना में भी टीडीपी और बीजेपी के बीच संभावित चुनावी समझ को लेकर अटकलें तेज कर दी हैं।

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