चुनाव से पहले आयोग को मिल जाएंगे सभी सदस्य? चयन समिति की अध्यक्षता करेंगे PM..
लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल अपने पद से अचानक इस्तीफा दे चुके हैं। इससे पहले अनूप चंद्र पांडे की 14 फरवरी को सेवानिवृत्ति हो गई थी। अब मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही चुनाव प्राधिकरण के एकमात्र सदस्य हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले सरकार आयुक्त के पदों पर दो लोगों की नियुक्तियां करने वाली है। सूत्रों का कहना है कि 15 मार्च तक इन दो पदों को भर लिया जाएगा। इसके लिए चयन समिति की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी कर सकते हैं।
चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे से बनी रिक्तियों को भरने के लिए 15 मार्च तक दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति होने की संभावना है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले ही गोयल ने शुक्रवार सुबह चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को उनका इस्तीफा स्वीकार किया और कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी घोषणा की।
इससे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार चुनाव प्राधिकरण के एकमात्र सदस्य रह गये हैं। पांडे 14 फरवरी को सेवानिवृत्त हुए हैं। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के नेतृत्व में एक खोज समिति दोनों पदों के लिए पहले पांच-पांच नामों के दो अलग-अलग पैनल तैयार करेगी। इस समिति में गृह सचिव और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव शामिल होंगे।
समिति में कौन-कौन होगा शामिल
बाद में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति, जिसमें एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल होंगे, चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति के लिए दो व्यक्तियों का नाम तय करेगी। इसके बाद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि चयन समिति सदस्यों की सुविधा के आधार पर 13 या 14 मार्च को बैठक कर सकती है और नियुक्तियां 15 मार्च तक होने की संभावना है।
गोयल के इस्तीफे का कारण अभी भी साफ नहीं
गोयल के इस्तीफे के पीछे के कारणों से जुड़े सवाल पर सूत्रों ने बताया कि हो सकता है कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया हो। गोयल और कुमार के बीच मतभेद की अटकलों को खारिज करते हुए सूत्रों ने कहा कि आंतरिक संचार और निर्णयों के रिकॉर्ड से पता चलता है कि गोयल द्वारा कोई असहमति दर्ज नहीं की गई थी।
शुक्रवार की सुबह इस्तीफा देने वाले गोयल चुनाव ड्यूटी के लिए पूरे भारत में केंद्रीय बलों की तैनाती और आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय तथा रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए थे। सेवानिवृत्त नौकरशाह गोयल 1985-बैच के पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी रह चके हैं । वह नवंबर 2022 में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे। इससे पहले अशोक लवासा ने अगस्त 2020 में चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा पिछले लोकसभा चुनावों में आचार संहिता उल्लंघन संबंधी निर्णयों पर असहमति जताई थी।