क्या सोने-चांदी के और गिरेंगे भाव?
आम बजट में सोने और चांदी पर लगने वाले सीमा शुल्क में कटौती किए जाने से इनकी कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। 23 जुलाई के बाद से सोने के भाव 5,000 रुपये तक टूट गए हैं। चांदी 7000 रुपये तक फिसल चुकी है। जानकारों का कहना है कि सोना-चांदी के दाम हाल के कुछ महीनों से उबाल पर थे।
कस्टम ड्यूटी में कटौती के बाद आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही इन सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट का दौर आगे जारी रह सकता है। निवेशकों को अभी सोने-चांदी के जेवर या 24 कैरेट वाले डिजिटल गोल्ड में निवेश करने से बचना चाहिए। अभी की परिस्थिति में वे गोल्ड ईटीएफ या सिल्वर ईटीएफ का रुख कर सकते हैं।
जानकारों के मुताबिक सोने और चांदी के ईटीएफ में निवेश करना बेहतर विकल्प हो सकता है। इसका कारण है कि सोने-चांदी के आभूषणों की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
अगर अभी कोई निवेशक इनमें निवेश करता है और दाम गिरते हैं तो उसके लिए फिर से इसमें पैसा लगाना (औसत करना) मुश्किल हो सकता है। लेकिन ईटीएफ में यह दुविधा नहीं है। आभूषण के मुकाबले इनकी कीमत काफी कम होती है। इनमें शेयर की तर्ज पर कारोबार होता है।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ की एक यूनिट की कीमत 60 रुपये से भी शुरू हो सकती है। निवेशक एकमुश्त एक बार में कितनी भी यूनिट खरीद सकता है। वहीं, जो लोग एक साथ ईटीएफ में मोटा निवेश नहीं कर सकते, उनके लिए एसआईपी की सुविधा मौजूद है।
मतलब छोटी रकम से हर महीने निवेश किया जा सकता है। इन्हें शेयर की तरह कभी भी खरीद और बेच सकते हैं। इसका बड़ा फायदा यह होगा कि यदि भौतिक सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट के साथ ईटीएफ के दाम भी गिरते हैं, तो निवेशक कम कीमत के चलते इन्हें आसानी से इन्हें एवरेज कर सकता है। यहां नुकसान की आशंका सबसे कम रहेगी।
एसआईपी की तरह खरीद और बेच सकते हैं।
3. उतार-चढ़ाव कम होता है, ज्यादा नुकसान की चिंता नहीं।
3. ये उच्च तरलता वाले होते हैं यानी इन्हें जब चाहें तब खरीदा और बेचा जा सकता है
4. इन्हें डीमैट खाते से ऑनलाइन खरीदा जा सकता है।
5. गहनों के मुकाबले खरीद शुल्क कम लगता है। 100 फीसदी शुद्धता की पूरी गारंटी
गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में निवेश शेयर बाजार के माध्यम से किया जा सकता है। यह बीएसई और एनएसई दोनों स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध है।
इसके लिए ब्रोकर के माध्यम से डीमैट खाता खोलना होगा। फिर जिस ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं, उसका और जिसके माध्यम से खरीदना चाहते हैं, उस स्टॉक एक्सचेंज का चयन करें।
अलग-अलग निवेश कंपनियां गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में निवेश के विकल्प उपलब्ध कराती हैं। जिस कंपनी के ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं, उसे चुनें।
फिर निवेश का तरीका चुनें। यहां एकमुश्त और एसआईपी के विकल्प दिखाई देंगे। एक साथ पैसा नहीं लगा सकते हैं तो मासिक एसआईपी का विकल्प चुन सकते हैं।
एकमुश्त विकल्प में शेयर की तरह मात्रा में खरीदारी करनी होगी। जितनी की खरीदारी करेंगे, उतनी रकम डीमैट खाते से कट जाएगी।
एसआईपी विकल्प में रकम अथवा मात्रा चुननी होगी। यदि रकम का विकल्प चुनते हैं तो हर महीने तय तिथि पर उतनी रकम खाते से कट जाएगी। यदि मात्रा चुनते हैं, उसके अनुसार रकम कटेगी।
ट्रेडिंग खाते में ऑर्डर लगाने के दो दिनों के बाद ईएफटी खाते में जमा हो जाता है। इसके बाद इसे आसानी से कभी भी बेचा जा सकता है।