‘खेतों में काम कर लूंगी’, पंकजा मुंडे की भाजपा को चेतावनी; पहलवानों के समर्थन में
(शशि कोन्हेर) : भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने गुरुवार को कहा कि अगर उन्हें (पार्टी से) कुछ नहीं मिलता है तो वे खेतों में काम कर लेंगीं। उन्होंने कहा कि वे किसी से डरती नहीं हैं। पंकजा मुंडे से पहले उनकी बहन व महाराष्ट्र भाजपा सांसद प्रीतम मुंडे ने प्रदर्शनकारी पहलवानों का समर्थन किया।
बीड से लोकसभा सांसद प्रीतम मुंडे ने कहा कि उनकी (पहलवानों की) शिकायतों पर “तुरंत विचार किया जाना चाहिए।” प्रीतम राज्य की पहली भाजपा सांसद हैं, जिन्होंने उन खिलाडियों का समर्थन किया है, जो यौन उत्पीड़न और शोषण का आरोप लगाते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
पहलवानों की शिकायतों को नजरअंदाज नहीं कर सकते- प्रीतम
उन्होंने ने कहा, “जब भी कोई महिला इस तरह की गंभीर शिकायत करती है, तो उसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। अधिकारियों को मामले की जांच करनी चाहिए। मैं मानती हूं कि कोई भी कार्रवाई जांच के बाद ही की जानी चाहिए लेकिन जो महत्वपूर्ण है वह यह है कि आप शिकायतों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। अगर कुछ महिला पहलवान कोई गंभीर मुद्दा उठा रही हैं तो इस पर तत्काल विचार किया जाना चाहिए।”
इस बीच, बीड में अहिल्याबाई होल्कर की जयंती मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में पंकजा मुंडे ने कहा कि भाजपा बड़ी पार्टी है लेकिन वह उनकी नहीं है। उन्होंने महादेव जानकर नीत राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएसपी) का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘मैं भाजपा की हूं। अगर मुझे मेरे पिता से कोई समस्या है तो मैं अपने भाई के घर जाऊंगी।’’
बीजेपी के दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटियों के बयानों ने पार्टी के भीतर खलबली मचा दी है। पंकजा ने कहा, ‘मैं गोपीनाथ मुंडे की बेटी हूं। मैं किसी से नहीं डरती। अगर वे (पार्टी) मुझे कुछ नहीं देते हैं, तो मुझे एक मजदूर के रूप में गन्ने के खेतों में जाकर काम करने में खुशी होगी।”
हार के बाद से सुर्खियों से दूर हैं पंकजा
दिवंगत भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से सुर्खियों से दूर रह रही हैं। वह 2014 से 2019 के बीच देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री थीं। भाजपा पर मुंडे बहनों का हमला ऐसे समय में आया है जब पार्टी 2024 में लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए कमर कस रही है।
पिछले कई साल से कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश भाजपा में मुंडे को किनारे कर दिया गया है। अगस्त 2022 में एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुंडे ने कहा था कि वह संभवत: ‘‘इतनी योग्य नहीं हैं कि मंत्री पद मिल सके।’’ भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इस साल जनवरी में कहा था कि कुछ लोग पार्टी और मुंडे के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
पहले भी खुलकर विरोध कर चुकी हैं मुंडे बहनें
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘मुंडे बहनों की टिप्पणी पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ है। राज्य और केंद्रीय भाजपा ने इसका संज्ञान लिया है। यह पहली बार नहीं है जब मुंडे बहनें पार्टी के खिलाफ सार्वजनिक रूप से उतरी हैं।’ आगे की कार्रवाई की चेतावनी देते हुए पंकजा मुंडे ने कहा था, “मैं पद और पद के लिए किसी के सामने झुकने वाली नहीं हूं।” इससे पहले, जब मोदी सरकार ने कैबिनेट विस्तार किया तो पंकजा मुंडे इस बात से नाराज थीं कि उनकी बहन प्रीतम के नाम पर विचार नहीं किया गया। उनके समर्थक सड़क पर उतर आए थे और बाद में बीड में स्थानीय पदों से इस्तीफा दे दिया था। केंद्रीय नेतृत्व के दखल के बाद मामला शांत हुआ। एक साल पहले, पंकजा मुंडे ने अपने कोई बड़ा पद नहीं दिए जाने को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया था और सार्वजनिक रूप से कहा, “मेरे नेता मोदी और अमित शाह हैं।”