मौसम में बदलाव के साथ, चार धाम पर तीर्थयात्रियों की संख्या घटी….
देहरादून – मानसून सीजन के निकट आते ही चारधाम दर्शनों को जाने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। 15 दिन पूर्व तक जहां 50 हजार के आसपास तीर्थ यात्री प्रतिदिन चारधाम दर्शनों को पहुंच रहे थे, वहीं अब यह संख्या 26 हजार के आसपास सिमट गई है। आने वाले दिनों में इसमें और कमी आने की संभावना है।
इस वर्ष तीन मई को यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। छह मई को केदारनाथ और आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद तो देशभर से तीर्थ यात्रियों का सैलाब उमड़ने लगा।
शुरुआती दिनों में तो प्रतिदिन 55 से 60 हजार के बीच तीर्थ यात्री चारों धाम पहुंच रहे थे। इससे प्रमुख पड़ावों के साथ ही चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में भी सभी होटल, धर्मशाला, आश्रम, यहां तक कि चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड भी तीर्थ यात्रियों से पैक हो गए।
बस टर्मिनल कंपाउंड में पंजीकरण के लिए बने काउंटर के बाहर लंबी-लंबी लाइन लगने लगीं। ऐसी स्थिति में तीर्थ यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार को चारधाम में स्लाट व्यवस्था तक लागू करनी पड़ी। लेकिन, वर्षाकाल के करीब आते ही बीते एक पखवाड़े से तीर्थ यात्रियों की संख्या काफी घट गई है।
दरअसल, मानसून के दौरान प्राकृतिक आपदाएं चारधाम यात्रा की चुनौतियां बढ़ा देती हैं। वर्षा के चलते चारधाम यात्रा मार्गों पर जगह-जगह भूस्खलन जोन सक्रिय हो जाते हैं और भू-धंसाव, पहाड़ी से बोल्डर गिरने, सड़कों के पुश्ते ढहने आदि कारणों से अक्सर यात्रा को रोकने की नौबत आ जाती है।
ऐसे में सीमित संख्या में ही तीर्थ यात्री चारधाम दर्शनों को पहुंचते हैं। अब जबकि मानसून सर पर है तो तीर्थ यात्रियों की संख्या भी स्वाभाविक ढंग से घटती जा रही है। यह स्थिति अगस्त आखिर तक बनी रहेगी।
तीन मई को गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद से अब तक 24 लाख दस हजार 138 तीर्थ यात्री चारों धाम में दर्शन कर चुके हैं। इसमें सर्वाधिक 854870 तीर्थ यात्री बदरीनाथ, 804407 केदारनाथ, 423272 गंगोत्री और 327589 तीर्थ यात्री यमुनोत्री दर्शनों को पहुंचे।