पति के सुख स्वास्थ्य और अपने अखण्ड सौभाग्य के लिए महिलाओं ने की, वटवृक्ष की पूजा और रखा उपवास
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर– बिलासपुर में वट सावित्री पूजा के मौके पर व्रतियों में उत्साह देखने को मिला । बिलासपुर के हर क्षेत्र में वटवृक्ष के नीचे महिलाएं बड़ी संख्या में पूजा करती दिखीं। हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत की बहुत अधिक महत्ता है। विवाहित महिलाओं के लिए ये दिन किसी उत्सव से कम नहीं है।
वह पूरे साल वट सावित्री व्रत का इंतजार करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार ये हर साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि वट सावित्री व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत के साथ पौराणिक मान्यता जुड़ी हुई है। इस संदर्भ में जब हमने एक।पंडित से बात की तो उन्होंने ने बताया कि इसी दिन सावित्री माता अपने पति सत्यवान के प्राणों को यमराज से छुड़ाकर वापस ले आईं थी।
वट वृक्ष के नीचे ही सत्यवान को फिर से नया जीवन मिला था। यही वजह है कि महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु के लिए उपवास करती हैं और वट वृक्ष की विशेष पूजा की जाती है। वट वृक्ष का 108 बार परिक्रमा कर धागा बांधते हैं अखंड सौभाग्य प्राप्ति के लिए उसके बाद कथा सुनती हैं और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं।