अंबिकापुर में एक ही दिन में 4 नवजातों की मौत, दिल्ली प्रवास छोड़ वापस लौटे सिंहदेव….
रायपुर – अंबिकापुर अस्पताल में एक ही दिन में चार नवजात शिशुओं की मौत के मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव दिल्ली प्रवास अधूरा छोड़कर अंबिकापुर लौट रहे हैं। साथ ही रायपुर, और बिलासपुर के स्वास्थ्य विभाग की टीम को अंबिकापुर भेजा गया है।अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक ही दिन में चार नवजात शिशुओं की मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इस मामले को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने गंभीरता से लिया है।
सिंहदेव ने रायपुर और बिलासपुर से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम तत्काल अंबिकापुर भेजने के निर्देश दिए हैं। उनके निर्देश के बाद टीम अंबिकापुर पहुंच रही है। खुद सिंहदेव दिल्ली का प्रवास अधूरा छोड़कर विशेष विमान से दोपहर बाद अंबिकापुर पहुंचेंगे, और विभागीय अधिकारियों की बैठक लेंगे।
अस्पताल अंबिकापुर के एसएनसीयू में भर्ती 4 नवजात बच्चों की मौत हो गई है। चार घंटे के अंदर 4 नवजात बच्चों की मौत होने से परिजन आक्रोशित हो गए। परिजनों ने सुबह एमसीएच के सामने स्थित मुख्य सड़क पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। लगभग 2 घंटे से ज्यादा समय तक चक्काजाम रहा। परिजन स्वास्थ्य मंत्री को बुलाने को बात पर अड़े हुए थे।
सूचना पर सिविल सर्जन डॉ. अनिल प्रसाद व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जेके रेलवानी ने अस्पताल पहुंचकर परिजनों को समझाइश दी और अस्पताल में व्यापक समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने का आश्वासन दिया। आश्वासन के बाद परिजन चक्काजाम को समाप्त किया। हालांकि नवजात की मौत के मामले में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जेके रेलवानी का कहना है कि सभी बच्चे प्रीमेच्योर थे।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुबह 4 घंटे के अंदर 4 नवजात बच्चों की मौत हो जाने से अस्पताल में मौजूद परिजन आक्रोशित हो गए। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में सही समय पर इलाज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। स्टाफ नर्स से बात करने पर सही से जवाब तक नहीं देते हैं। आवश्यकता पडऩे पर मरीज के परिजन स्टाफ नर्स के पास समस्या लेकर जाते हैं तो उन्हें भगा दिया जाता है। इस तरह दुव्र्यवहार से परिजन नाराज थे, और बच्चों की मौत के बाद अस्पताल के सामने चक्काजाम कर दिया।
इन बच्चों की हुई मौत
सूरजपुर जिले के सवारावा निवासी उदय सिंह अपने 4 दिन के नवजात बच्चे को 12 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तबीयत खराब होने पर भर्ती कराया था। उसे एसएनसीयू में रखा गया था। आज 16 अक्टूबर की सुबह 3.30 बजे मौत हो गई। राजपुर निवासी महेश अपने डेढ़ महीने के शिशु को 13 अक्टूबर को एसएनसीयू में भर्ती कराया था। यहां इलाज के दौरान 16 अक्टूबर कि सुबह 4 बजे मौत हो गई। दरिमा निवासी देवानंद अपने 27 दिन के नवजात को 19 सितंबर को भर्ती कराया था। यहां इलाज के दौरान सोजा अक्टूबर की सुबह 5 बजे मौत हो गई। इसी तरह उदयपुर निवासी वालकेश्वर दो दिन के नवजात शिशु को 15 अक्टूबर को भर्ती कराया था। 16 अक्टूबर की सुबह 6.45 बजे मौत हो गई।
नहीं पिलाते मां का दूध
परिजन का आरोप है कि एसएनसीयू में ड्यूटी कर रही स्टाफ नर्स बात को नहीं सुनती हैं। मरीज के एक परिजन ने आरोप लगाया है कि मेरा बच्चा एसएनसीयू में भर्ती है। उसे मां के दूध पिलाने के लिए कहा गया था। मां का दूध ले जाकर एसएनसीयू स्थित स्टाफ नर्स को दिया गया था, पर दूसरे दिन भी दूध जस का तस था। पूछे जाने पर स्टाफ नर्स द्वारा कहा गया कि पाउडर दूध बच्चे को पिला दिया जब पाउडर दूध ही पिलाना है था तो मां के दूध पिलाने के लिए क्यों कहा जाता है?