बिलासपुर

फेसबुक लाइव कार्यक्रम में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने राज्य के पौने चार लाख कर्मचारियों का डीए बढ़ाने की छत्तीसगढ़ सरकार से की मांग…

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बिलासपुर – फेसबुक लाइव मासिक कार्यक्रम अपनो से अपनी बात में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ऑनलाइन रूबरू होते हुए प्रदेश में सरकार के द्वारा कार्मिकों के दो साल से लंबित महंगाई भत्ते को कर्मचारी विरोधी बताते हुए संवेदनहीनता करार दिया।

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अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा 1 करोड़ से अधिक शासकीय सेवकों को 28 परसेंट महंगाई भत्ता दिया जा रहा है जबकि जुलाईं 2019 से राज्य के पौने चार लाख से अधिक कर्मचारियों को केवल12 प्रतिशत डीए दिया जा रहा है। वेतन वृद्धि को भी अनावश्यक रूप से विलंबित किया गया।

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पीएससी की प्रणाली संदेहास्पद : श्री अग्रवाल ने कहा रोजगार के नाम केंद्र सरकार की मनरेगा योजना के आंकड़े गिनवाकर छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में बेरोजगारों दर के 3% होने का झूठा दावा करती है।
कांग्रेस की सरकार आने के बाद व्यापम पीएससी की भर्तियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। घोषणापत्र में बेरोजगारी भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है।नई भर्तियों में प्रोबेशन काल 1 साल बढ़ा दिया गया है, युवाओं के साथ यह अन्याय है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर भर्ती हुए होनहार युवाओं के लिए पूरे देश में 2 साल का प्रोबेशन का प्रावधान है, सजा या अन्य कारणों से किसी नव चयनित प्रतिभागी का प्रोबेशन काल बढ़ाया जाता है, छत्तीसगढ़ की सरकार ने वित्तीय प्रबंधन के बहाने से नए भर्ती होने वाले युवाओं का प्रोबेशन काल 2 वर्ष से 3 वर्ष कर दिया है, युवा पीढ़ी के साथ खिलवाड़ बंद होना चाहिए और तत्काल प्रोबेशन काल की अवधि 2 साल की जानी चाहिए।

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छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा एक तो भर्ती नहीं की जा रही है, जून की भर्ती हो रही है उनका परिवीक्षा अवधि बढ़ा दिया गया है वहीं दूसरी ओर व वेतनमान आधारित वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। 3 साल के प्रोबेशन पीरियड में निर्धारित वेतनमान का क्रमश: 70%, 80% एवं 90% वेतन देने का नियम बना कर युवाओं से अघोषित कटौती कर रही है, इसे वापस लिया जा कर सातवें वेतनमान के अनुसार पूर्णकालिक वेतन युवाओं को चयन के पश्चात् देना चाहिए।

श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य का भर्ती तंत्र विफल हो चुका है। राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा प्रक्रिया में लगातार गड़बड़ी सामने आ रही है। संदेहास्पद भर्ती प्रक्रिया तंत्र से किसी भी राज्य में बड़ी शर्मनाक स्थिति होती है। एक ही परिवार के अनेक लोगों को एक साथ चयन होना इस बात को इंगित करता है कि दाल में कुछ काला है।

ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के आरक्षण के ऐतिहासिक निर्णय हेतु प्रधानमंत्री का किया आभार : श्री अग्रवाल ने प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार किया। श्री मोदी ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस संवर्ग के विद्यार्थियों को मेडिकल की पढ़ाई में दाखिला देने के लिए क्रम 27 एवं 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को मंजूरी दी है, उन्होंने इसे सामाजिक न्याय एवं सामाजिक समानता की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। अमर अग्रवाल ने कहा कि मोदी जी के कार्यकाल में हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने जा रहा है। मेडिकल की सीटों की संख्या 54000 बढ़ी है। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम भाजपा की सरकार ने किया जबकि कांग्रेस संसदीय परंपराओं के निर्वहन में असफल रही है।

मुख्यमंत्री का पद कलह का केंद्र बना, सत्ता संघर्ष से विकास अवरूद्ध : छत्तीसगढ़ में हुए घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री के पद को विभाजित कर ढाई वर्षो में कलह में झोंक दिया गया है। एक विधायक द्वारा अपने ही मंत्री हत्या का आरोप लगाया जाना और फिर चौतरफा ड्रामेबाजी के बाद माफी मांग लेना छत्तीसगढ़ में जनमत की संस्कृति और परंपराओं का अपमान है। उन्होंने कहा सत्ता संघर्ष में लीन मंत्री और विधायकों की कार्यशैली से ही छत्तीसगढ़ का विकास अवरूद्ध हो गया है।

कांग्रेस के कार्यकाल में उद्यमियों के लिए नहीं है स्वस्थ वातावरण : श्री अग्रवाल ने पिछले दिनों राज्य सरकार द्वारा भाजपा सरकार के दौरान हुए एमओयू को रद्द किये जाने को नकरात्मक परिणाम स्वरूप प्रचारित करने की कोशिश को भूपेश सरकार का झूठा प्रचार तंत्र का हिस्सा बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में जो एमओयू हुए हैं उसमें 80000 करोड़ से ज्यादा रुपए का निवेश आया है। 30% एमओयू के निवेश नहीं आए,जो रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा है। कांग्रेस के कार्यकाल के ढाई वर्षो में एमओयू पर महज 108 करोड़ निवेश हुआ है। ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में राज्य सरकार पिछड़ती जा रही है। झूठे प्रचार तंत्र का सहारा लेकर जनता के सामने झूठ परोसा जा रहा है नई सरकार के कार्यकाल में विकास कार्य ठप्प पड़े हुए है।

भूमिहीन परिवारों को नकदी देकर न्याय योजना की बजाय आवास दिलाये सरकार : श्री अमर अग्रवाल ने भूमिहीन श्रमिक परिवारों को न्याय योजना के नाम पर नकदी देने की सरकार की नीति भुलावा बताया है, उन्होंने कहा सरकार को चाहिए भूमिहीन श्रमिक परिवारों को प्रधानमंत्री निःशुल्क आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराएं।

ढाई वर्षो में स्मार्ट शहर की पहल को जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता ने 20 वर्ष पीछे ढकेल दिया : बिलासपुर में नगर निगम के संदर्भ में टिप्पणी करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि नगरीय सीमा में विस्तार के साथ जुड़े हुए क्षेत्रों में समस्याओं का अंबार लग गया है। पहले 100 करोड़ की राशि राज्य सरकार के द्वारा विकास के लिए प्रतिवर्ष नगर निगमो को दी जाती थी। ढाई साल में 25 करोड़ की घोषणा की गई है और उसमें भी 10 करोड़ की राशि निगमों को मिल पाई। पहले हर साल ₹2 करोड़ वार्षिक मिलता था आज दुगने सीमा क्षेत्र के लिए आज बिजली का बल्ब बदलने के लिए भी निगम के पास पैसे नहीं है। नगरीय सीमा में विस्तार से जुड़े ग्रामीण अंचलों में मनरेगा के तहत मिल रहा रोजगार भी बंद हो गया है। सीमा का विस्तार का खामियाजा जुड़े लोगों को भुगतना पड़ रहा है उनमें रोष व्याप्त है।उन्होंने कहा लोगों की संपत्ति सुरक्षित नहीं है। भूमाफिया शहर की पहचान बन गए। स्मार्ट सिटी की पहचान शहर को मिली। 4000 करोड़ की रुपए की परियोजना थी। स्मार्ट शहर को बनाने की बजाय विकास की प्रक्रिया की तत्कालीन परिस्थितियों को खोदापुर कहा जाने लगा, आज वही प्रतिनिधि सत्ता पक्ष में बैठकर परियोजनाओं को पूर्ण कर जनता को सुविधा दिलाने के नाम पर चुप्पी साध लेते हैं, ऐसे जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता ने स्मार्ट शहर बनाने की पहल को ढाई सालो में शहर विकास को 20 साल पीछे धकेल दिया गया है।

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